चंडि कालासन
कालासन मंदिर | |
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General information | |
Architectural style | बौद्ध चंडि |
Town or city | कालासन, स्लीमन रीजेंसी, योग्यकर्ता के बिसेस क्षेत्र |
Country | इंडोनेशिया |
Completed | लगभग 8वीं सदी |
Client | शैलेन्द्र |
कालासन (इंडोनेशियाई: Candi Kalasan[1], अंग्रेजी: Kalasan), या चंडि कलिबेनिंग, जावा, इंडोनेशिया में एगो 8वीं-सदी के बौद्ध मंदिर ह। ई योग्यकर्ता से 13 किमी दूर प्रमबनम मंदिर की रास्ता में पड़ेला, आ ई मेन रास्ता 'जालन सोलो' की दाहिने ओर योग्यकर्ता आ सुरकर्ता की बीच में बाटे। प्रशासनिक दृष्टि से ई स्लीमन रीजेंसी की कालासन जिला में पड़ेला।
इतिहास
[संपादन करीं]संस्कृत भाषा में आ प्रनागरी लिपि में लिखल, 778 ईसवी की, कालासन शिलालेख की अनुसार ई मंदिर शैलेन्द्र वंश के शिरोमणि (Guru Sang Raja Sailendravamçatilaka - the Jewel of Sailendra family) की इच्छानुसार बनावल गइल जे महाराज तेजपूर्णपन पनंगकरण (शिलालेख की दुसरा हिस्सा में इनका के काड़ियान पनंगकरण भी कहल गइल बा) के देवी तारा (बोधिसत्विनी) के पवित्र भवन ताराभवनम् बनवावे खातिर तइयार कइलन।[2]:89
एकरी अलावा, एगो विहार बनवावल गइल जेवन शैलेन्द्र परिवार की क्षेत्र की बौद्ध भिक्षु लोगन खातिर रहल। पनंगकरण संघ के कलस नाँव के गाँव दिहलें।[3] अगर शिलालेख के तारीख की हिसाब से देखल जाय त कालासन मंदिर प्रमबनन मैदान की इलाका में बनल सभसे प्राचीन बौद्ध मंदिर बाटे।
डच लोगन की उपनिवेशिकी समय की दौरान थोर-बहुत मरम्मत के काम भइले की बावजूद आज ई मंदिर बहुत खराब इस्थिति में बाटे। अगले-बगल की कुछ मंदिरन - प्रमबनन, सेवु आ संबिसरइ - सभ की तुलना में ई मंदिर के देखभाल कि मामिला में उपेक्षिते कहल जाई।
भवन कला
[संपादन करीं]मंदिर एगो 14.2 वर्ग मीटर की निचला आधार (भुईंधरा) की ऊपर स्थित बाटे। मंदिर के निर्माण योजना धन की आकार के बाटे आ अइसन डिजाइन कइल गइल बा की एगो बारह कोन के आकृति बनावेला। सगरी चारों छोर पर सीढ़ी आ द्वार बाटें जेवन कल-मकर की आकृति से सजल बाटें आ 3.5 वर्गमीटर के कमरा वाला बाटें। छोटका कमरा जवन उत्तर दक्खिन पुरुब पच्छिम चारों ओर बाटें, इनहन में कौनों मूर्ती नइखे बाकी कमल के पंखुरी वाला बेदी ई सबूत देवेलिन की कब्बो इहाँ मूर्ती (बोधिसत्व के) जरूर रहल होखी।
मंदिर बौद्ध आक्रितिन - जेवना में बोधिसत्व आ गण gana मुख्य बाटें - से बहुत नीक से सजल बाटे। काल (संस्कृत मूल काल = समय या मृत्यु के देवता) के मुखाकृति जवन दक्खिनी दरवाजा पर बाटे ऊ बहुत बेर फोटो में उतारल गइल बाटे आ बिद्वान लोग एकर अपनी पुस्तक में मध्य-जावा की पत्थर-कला की नमूना की रूप में इस्तेमाल कइले बाटे। मंदिर में अन्दर आ बाहर बड़े-बड़े ताखा बनल बाटें जिनहन में कब्बो मूर्ती रहल होखी। बाहरी देवालि पर बनल ताखा की सजावट में बहुत महीनी से काल, देवता आ अउरी दैवीय चीज के उकेरल गइल बाटे जेवना में स्वर्गलोक के देवता, अप्सरा आ गंधर्ब लोग के देखावल गइल बा।
मंदिर के छत तीन खण्ड में डिजाइन कइल बाटे। सबसे निचला छत मंदिर की ढाँचा की हिसाब से बहुभुज की आकृति के बा जेवना में छोट-छोट ताख में बोधिसत्व के मूर्ती बनल बाटे। हर ताख के ऊपर स्तूप बनल बा। बिचला, मने कि दुसरा छत, आठ कोन के बाटे जेवना पर अइसन ताखा बाने जिनहन में ध्यानी बुद्ध की दुनों ओर बोधिसत्व लोग खड़ा देखावल गइल बाटे।[4] सबसे ऊपरी छत लगभग गोल बाटे आ एम्में एकही स्तूप की नीचे आठ गो मूर्ती बाड़ी। अठकोन वाली आकृति के कुछ लोग इहो अनुमान लगावेला की ई गैर-बौद्ध परभाव पुराना जमाना से चलल आ रहल शुरूआती बोरोबुदुर संरचना से आइल हवे।
मंदिर के मुख्य द्वार पुरुब ओर के बा आ इहे मुख्य बिचला कमरा में पहुँचे के रास्ता भी बा। एगो बड़का कमरा में कमल बेदी (पद्मवेदिका) आ सिंहासन बाटे जेवना पर मकर, सिंह आ हाथी के आकृति बनल बाटे। कालासन लेख कि अनुसार, एह मंदिर में एगो बड़हन आकार के (कम से कम चार मीटर ऊँच) मूर्ती बोधिसत्वदेवी (तारा) के रहल। सिंहासन की डिजाइन से इहो अनुमान लगावल जाला कि ई मूर्ती काँसा के बनल रहे आ देवी बइठल आसन में बनावल गइल रहली।[5] अब ई मूर्ति नइखे, साइत एहू का उहे हाल भइल जेवन सेवु की मंदिर की काँसा के मुरती के भइल, धातु की लालच में एकरा के लूट ले भागल गइल।
बाहरी देवालि पर वज्रलेप (मने हीरा के प्लास्टर, या बहुत मजबूत प्लास्टर) के अवशेष मिल बाटे। इहे पदार्थ लगहीं की चंडि सरी मंदिर में भी मिलल बाटे। ई पियाराहूँ सफेद पलस्तर मंदिर के देवालि के सुरक्षा खातिर रहे जेवन अब उचड़ि गइल बा।
ई मंदिर पुरातत्व की दृष्टि से बहुत धनी प्रमबनन मैदान के हिस्सा हवे। एकरा से कुछे सौ मीटर उत्तर-पुरुब ओर सरि मंदिर बाटे। ई चंडि सरि साइत कालासन लेख में बतावल विहार भी हो सकत बाटे। अउरी पुरुब ओर प्रमबनन के मंदिर बा आ सेवु मंदिर आ चंडि प्लओसन बाटे।
इहो देखल जाय
[संपादन करीं]टिप्पणी
[संपादन करीं]- ↑ इंडोनेशियाई भाषा में आ के उच्चारण ह्रस्व नियर होखेला, जइसे father में a के उच्चारण होला, नकि bath में a की उच्चारण नियर जेवन दीर्घ होला।
- ↑ Coedès, George (1968). Walter F. Vella (ed.). The Indianized States of Southeast Asia. trans.Susan Brown Cowing. University of Hawaii Press. ISBN 978-0-8248-0368-1.
- ↑ Soetarno, Drs. R. second edition (2002). "Aneka Candi Kuno di Indonesia" (Ancient Temples in Indonesia), pp. 41. Dahara Prize. Semarang. ISBN 979-501-098-0.
- ↑ Soetarno, Drs. R. second edition (2002). "Aneka Candi Kuno di Indonesia" (Ancient Temples in Indonesia), pp. 45. Dahara Prize. Semarang. ISBN 979-501-098-0.
- ↑ Drs. R. Soekmono, (1988) [1973]. Pengantar Sejarah Kebudayaan Indonesia 2 (2nd ed.). Yogyakarta: Penerbit Kanisius. p. 43.
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संदर्भ
[संपादन करीं]- क्लेयर होल्ट (Holt, Claire.) (1967) Art in Indonesia : continuities and change [इंडोनेशिया में कला:निरंतरता आ बदलाव]. Ithaca, N.Y.: Cornell University Press. ISBN 0-8014-0188-7
- Roy E. Jordaan (रॉय ई जोर्डन) (1998), The Tārā temple of Kalasan in Central Java [मध्य जावा में कालासन के तारा मंदिर], PERSEE, retrieved 6 सितंबर 2015
बाहरी कड़ी
[संपादन करीं]विकिमीडिया कॉमंस पर संबंधित मीडिया कालासन पर मौजूद बा। |
- कालासन मंदिर Archived 2019-12-04 at the Wayback Machine
- ऑफिसियल वेबसाइट Archived 2009-06-03 at the Wayback Machine