आइस क्लाइम्बिंग

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आइस क्लाइम्बिंग

आइस क्लाइम्बिंग (बर्फ चढ़ाई) पहाड़न पर बर्फ संरचना प चढ़ाई क गतिविधि ह। आमतौर पर, बर्फ पर चढ़ाई क मतलब होला बर्फबारी, जम्मल झरना, और जम्मल बर्फ से ढँकल चट्टानन और पत्थरन की स्लैब पर सुरक्षा और रस्सी जैसन सुविधा की साथ चढ़ाई|[1] चढ़ाई की उद्देश्यन खातिर, बर्फ के मोटे तौर पर दुगो क्षेत्र, अल्पाइन बर्फ और पानी क बर्फ में विभाजित कईल जा सकेला। अल्पाइन बर्फ पहाड़ी वातावरण में मिलेला, आमतौर पर चोटी पर पहुंचे खातिर एगो दृष्टिकोण क आवश्यकता रहेला, और अक्सर पर्वत की शिखर प एक ही प्रयास में चढ़ल जाला। पानी क बर्फ आमतौर पर चट्टान पर मिलेला या पानी के प्रवाह के नीचे रहेला। अल्पाइन बर्फ तेजी से जम जाला, जबकि पानी क बर्फ जम्मल पानी क एगो तरल प्रवाह ह।[2][3]

तकनीक[संपादन करीं]

बर्फ की ढलान और बनावट की अनुसार पर्वतारोही उपकरण चुनेला लो। उदाहरण खातिर, समतल बर्फ प, लगभग कौनों अच्छा लंबा पैदल यात्रा या पर्वतारोहण वाला बूट आमतौर पर पर्याप्त होला, लेकिन गंभीर प्रवृति की बर्फीला पर्वतारोहण खातिर डबल प्लास्टिक वाला जूता या ओईसने कठोर चमड़ा क जूता आमतौर पर इस्तेमाल कईल जाला। पतला या संकरा ढलानन प,बर्फ काट के रास्ता बनावे खातिर बर्फ क कुल्हाड़ी क उपयोग कईल जा सकेला। लंबा और तेज ढलान या ग्लेशियर यात्रा की सुरक्षित चढ़ाई की खातिर क्रैम्पन अनिवार्य होला। खड़ा बर्फ चढ़ाई क्रैम्पन और बर्फ क कुल्हाड़ी की साथ कईल जाला; पर्वतारोही बर्फ में क्रैम्पन के फंसावे खातिर पैर के बर्फ में जोर से किक करे न स और फिर कुल्हाड़ी अपने सिर के ऊपर से घुमा के बर्फ में घुसावे न स। ए तकनीक के फ्रंट पोइंटिंग कहल जाला। बर्फ क ताकत अक्सर आश्चर्यजनक होला; कुल्हाड़ी खाली एको सेंटीमीटर बर्फ में घुस जा त ऊपर खींचे खातिर पर्याप्त होले। यदि पर्वतारोही कौनों अग्रणी ह, त उन्हन के अपनी सुरक्षा खातिर चढ़ाई की रास्ता में आइस स्क्रू क इस्तेमाल करे के पड़ेला।[4]

रॉक क्लाइम्बिंग क कुछ महत्वपूर्ण तकनीक और अभ्यास आइस क्लाइम्बिंग में सामान्य तौर पर हमेशा शामिल कईल जाला जेमें शामिल बा, रोप सिस्टम, टाइंग इन (tying in), बेलायिंग (belaying), लीडिंग (leading), अब्सेइलिंग (abseiling) और लोवेरिंग (lowering)। नौसिखआ लोगन के बर्फ पर चढ़ले की कोशिश कइले से पहिले ए तकनीकन के सीखे के चाहीं।[5]

रोप सिस्टम[संपादन करीं]

सिंगल, डबल और ट्विन रॉप बर्फ की चढ़ाई में इस्तेमाल होखे वाली तीनगो मुख्य रस्सी सिस्टम ह। सिंगल रोप सिस्टम, जवन सीधा चढ़ाई वाला मार्गन खातिर अनुकूल बा, इ दुनिया में सबसे अधिक इस्तेमाल कईल जाए वाला रॉक क्लाइम्बिंग सिस्टम ह। चढ़ाई में भी अक्सर डबल रॉप सिस्टम क इस्तेमाल भी कईल जाला, डबल रॉप सिस्टम, सिंगल रॉप सिस्टम की तुलना में अधिक लचीला सिस्टम होला। आखिर में, ट्विन रॉप सिस्टम, जवन की सिंगल रोप सिस्टम में दुगो जुड़वां रसरी क उपयोग करेला, ए सिस्टम क उपयोग लम्बा मल्टी-पिच रूट खातिर कईल जाला।

टाइंग इन[संपादन करीं]

टाइंग इन चढ़े वाला उपकरण में रसरी फंसवले पर विशेष जोर देला। इ तकनीक चढ़ाई की नेतृत्व चाहें या बेलायिंग की दौरान बहुत आवश्यक होला।

जमे हुए झरने पर कनाडाई रॉकी में चढ़ना

लीडिंग[संपादन करीं]

लीडिंग क मतलब चढ़ाई की दौरान नेतृत्व से होला, एमें एगो लीडर और फोलोवर क जरुरत रहेला।

अब्सेइलिंग[संपादन करीं]

एके रेप्पेल्लिंग भी कहल जाला, ए तकनीक में एगो बांधल रस्सी की सहारे नीचे उतरल जाला।

लोवेरिंग[संपादन करीं]

इ नीचे उतरले क एगो बहुत ही सामान्य तरीका ह।

संदर्भ[संपादन करीं]

  1. Chouinard, Yvon (1978). Climbing Ice. San Francisco: Sierra Club Books. ISBN 978-0871562081.
  2. Lowe, Jeff (1996). Ice World: Techniques and Experiences of Modern Ice Climbing. Seattle: The Mountaineers.
  3. Gadd, Will; Roger Chayer (November 2003). Ice & Mixed Climbing: Modern Technique (First ed.). Mountaineers Books. ISBN 0-89886-769-X.
  4. climbingextreme.com, Juho Risku (January 2012). "Climbing Extreme: Ice climbing, ropes and single vs. half". Archived from the original on 2012-05-19. Retrieved 2012-01-21.
  5. Steven M. Cox and Kris Fulsaas, ed. (2003) [1960]. Mountaineering: The Freedom of the Hills (7th ed.). Seattle: The Mountaineers Books. ISBN 978-0898868289.