जॉन लॉक

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जॉन लॉक के पोर्ट्रेट, गुडफ्रे नेलर के 1697 के कलाकारी

जॉन लॉक (John Locke 29 अगस्त 1632 – 28 अक्टूबर 1704) एक ठो अंग्रेज दार्शनिक आ बैद रहलें, जिनके यूरोप के पुनर्जागरण युग में परभावशाली बिचारक आ लेखक के रूप में मानल जाला आ "उदारवाद के पिता" के नाँव से भी जानल जाला।[1][2][3] ब्रिटेन में अनुभववाद के फ्रांसिस बेकन के परंपरा के आगे बढ़ावे वाला लोग में शामिल एह दार्शनिक के "सामाजिक ठेका" के सिद्धांत खातिर भी महत्व के ब्यक्ति मानल जाला। उनके काम से ज्ञानमीमांसा आ राजनीतिक दर्शन के क्षेत्र में बहुत परभाव पड़ल। इनके लिख चीज से वोल्तेयर, रूसो आ अउरी कई गो स्कॉटिश बिचार्क लोग परभावित भइल। उनके लेखन के परभाव अमेरिका के आजादी के घोषणापत्र में भी देखल जा सके ला।[4]

संदर्भ[संपादन करीं]

  1. Hirschmann, Nancy J., Gender, Class, and Freedom in Modern Political Theory, Princeton University Press, Princeton, 2009. p. 79
  2. Sharma, Urmila & Sharma, S.K., Western Political Thought, Atlantic Publishers, Washington, 2006, p. 440
  3. Korab-Karpowicz, W. Julian, A History of Political Philosophy: From Thucydides to Locke, Global Scholarly Publications, New York, 2010, p. 291
  4. Becker, Carl Lotus, The Declaration of Independence: A Study in the History of Political Ideas, Harcourt, Brace, 1922, p. 27