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वैष्णो देवी

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वैष्णो देवी चाहे (माता रानी भा वैष्णवी) हिंदू देवी के एगो लोक रूप हई। इनके नाँव गोहरावत घरी माँमाता शब्द पहिले जोड़ल जाला। वैष्णो देवी के मंदिर जम्मू काश्मीर के कटरा नाँव के जगह पर बाटे।वैष्णो देवी या श्री माता वैष्णो देवी मंदिर, हिन्दू मान्यता अनुसार, माँइ आदिशक्ति दुर्गा स्वरूप माँइ वैष्णो देवी जिनका के त्रिकुटा और वैष्णवी नाम से भी जानल जाला , देवी के समर्पित मुख्य पवित्रतम हिन्दू मंदिर में से एगो बा, जौन भारत केेे जम्मू और कश्मीर के जम्मू सम्भाग में त्रिकुट पर्वत पे स्थित बा।इ धार्मिक स्थल के आराध्य देवी, वैष्णो देवी के सामान्यतः माता रानी, वैष्णवी, दुर्गा तथा शेरावाली माता जैसे अनेक नाम से भी जानल जाला।एहिजा आदिशक्ति स्वरूप महालक्ष्मी, महाकाली तथा महासरस्वती पिंडी रूप मे त्रेता युग से एक गुफा मे विराजमान बा औरी माता वैष्णो देवी स्वयं एहिजा आपन शाश्वत निराकार रूप मे विराजमान बारी। वेद पुरान के हिसाब से ये मंदिर 108 शक्ति पीठ मे भी शामिल बा। एहिजा लोग 14 किमी की चढ़ाई चढ़ भवन तक पहुँचेला। घोड़ा, पिठु, पालकी, हेलिकॉप्टर, ट्राम रोपवे जैइसान अनेक सुविधाए एहिजा उपलब्द बाटे। एहिजा  पहुँचे खातिर मुख्य दुगो साधन बा - रेलवे और रोडवे जेमे से जादातार लोग रेलवे अर्थाट ट्रेन से आइल पसंद करेला। एहिजा केरेलवे स्टेशन श्री माता वैष्णो देवी कटरा पूरा भारत से जुड़ल बा। ई मंदिर, जम्मू औरी कश्मीर राज्य के जम्मू के रियासी मण्डल में कटरा नगर के समीप अवस्थित बा। इ उत्तरी भारत में सबसे पूजनीय पवित्र स्थल में से एगो ह। माता वैष्णो देवी के प्रहरी भगवान शंकर जी के अवतार हनुमान जी हइ औरी हनुमान जी के साथे भगवान शिव जी के ही अवतार भैरव बाबा भी हइ। उत्तर भारत मे माँ वैष्णो देवी सबसे प्रसिद्ध सिद्धपीठ हवे ओकरा उपरांत सहारनपुर की शिवालिक पहाड़़ियों मे स्थित शाकम्भरी देवी सबसे सर्वप्रमुख प्राचीन सिद्धपीठ ह। शाकम्भरी पीठ मे माइ के दर्शन से पहिले भैरव के दर्शन करेके पडेला।