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कबीर

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(कबीरदास से अनुप्रेषित)
An 1825 CE painting depicts Kabir weaving

कबीरदास चाहे संत कबीर[1] 15वीं सदी के एगो संत महात्मा, रहस्यवादी आ कवी जिनके रचना आ उपदेश के परभाव, कुछ बिद्वान लोग के अनुसार तत्कालीन भक्ति आंदोलन पर पड़ल। इनकर जनम बनारस की लगे लहरतारा में भइल रहे। धार्मिक पाखण्ड की खिलाफ उपदेश दिहलें आ भगवान की निर्गुण रूप के आराधना करे के उपदेश दिहलें। निर्गुण भक्ति की कवि लोगन में कबीरदास क अस्थान बहुत ऊपर बा। कबीर के रचना सभ के अंश सिख धर्म के पबित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब में भी शामिल मिले ला।[2][3]

कबीर साहेब जी के प्रकट धरती पर भारत वर्ष के पावन भूमि काशी में भईल रहे। कबीर सागर के अनुसार उहा के सशरीर प्रकट सन 1398 (संवत 1455), में ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा के ब्रह्ममूहर्त के समय लहरतारा तालाब में कमल के फूल पर भईल रहे । जहां से नीरू नीमा नामक दंपति उठा के ले गइल  रहले। उनके इ लीला के उनके अनुयायी कबीर साहेब प्रकट दिवस के रूप में मनावेलालो। बाद में ई हिंदू संत आ गुरू रामानंद के परभाव में अइलें आ उनके चेला बन गइलें।[4]

कबीर के हिंदू आ मुस्लिम दुनों धरम के आलोचना करे खाती जानल जाला। उनके अनुसार हिंदू लोग वेद से आ करमकांड से भरमाव में बा आ ऊ एह लोग के धार्मिक रेवाज सभ के भरपूर आलोचना कइलें जेह में जनेव आ खतना दुनों के बिरोध सामिल बा।[5] इनका जिनगी में हिंदू आ मुस्लिम दुनों धरम के लोग इनके बिचार खातिर इनका के धमकावल। निधन के बाद इनके ऊपर दुनों धरम के लोग दावा कइल।[3](एह बात पर बिबाद भइल कि इनके जरावल जाय कि दफन कइल जाव)।

कृतियां

[संपादन करीं]

धर्मदास उनके वाणी क संग्रह " बीजक " नाम के ग्रंथ मे कइन जेकर तीन मुख्य भाग ह: साखी , सबद (पद), रमैनी

  • साखी: संस्कृत ' साक्षी , शब्द क बिगड़ल रूप ह आ धर्मोपदेश के अर्थ में प्रयोग भयल ह। अधिक साखियां दोहे में लिखल गयल ह पर ओम्में सोरठा क भी प्रयोग मिलल ह। कबीर क शिक्षा और सिद्धांत क निरूपण अधिकतर साखी में भयल ह।
  • सबद गेय पद ह जेम्मा पूरी तरह संगीतात्मकता विद्यमान ह। एम्में उपदेशात्मकता के स्थान पर भावावेश क प्रधानता ह; काहें से कि एम्में कबीर के प्रेम आ अंतरंग साधना क अभिव्यक्ति भइल ह।
  • रमैनी चौपाई छंद में लिखल गयल ह एम्में कबीर के रहस्यवादी आ दार्शनिक विचारन के बतावल गयल ह।
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  1. Jaroslav Strnad (2013). Morphology and Syntax of Old Hindī: Edition and Analysis of One Hundred Kabīr vānī Poems from Rājasthān. BRILL Academic. p. 10. ISBN 978-90-04-25489-3.
  2. Kabir Encyclopædia Britannica (2015)Accessed: 27 जुलाई 2015
  3. 3.0 3.1 Hugh Tinker (1990). South Asia: A Short History. University of Hawaii Press. pp. 75–77. ISBN 978-0-8248-1287-4. Retrieved 12 जुलाई 2012.
  4. Encyclopedia Brittanica, The Editors of (1 जनवरी 2019). "Kabir". Encyclopedia Brittanica. Retrieved 20 जनवरी 2019. {{cite web}}: |first= has generic name (help)
  5. Carol Henderson Garcia; Carol E. Henderson (2002). Culture and Customs of India. Greenwood Publishing Group. pp. 70–71. ISBN 978-0-313-30513-9. Retrieved 12 जुलाई 2012.