माघ: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर
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* चउथ — सकट चउथ, जेकरा संकष्टी गणेश चतुर्थी कहल जाला। |
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* एकादशी — षटतिला एकादशी।<ref>{{cite book |last1=पर्वतीय |first1=लीलाधर शर्मा |title=भारतीय संस्कृति कोश |date=1995 |publisher=राजपाल एंड संस |isbn=978-81-7028-167-2 |url=https://books.google.co.in/books?id=d92SwnSp04gC&newbks=1&newbks_redir=0&lpg=PA918&dq=%E0%A4%B7%E0%A4%9F%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%BE%20%E0%A4%8F%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%A6%E0%A4%B6%E0%A5%80&hl=hi&pg=PA918#v=onepage&q=%E0%A4%B7%E0%A4%9F%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A4%BE%20%E0%A4%8F%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%A6%E0%A4%B6%E0%A5%80&f=false |language=hi}}</ref> |
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* एकादशी — जया एकादशी। |
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माघ (माघ) हिंदू कलेंडर के एक ठो महीना बा।
काशी क्षेत्र में प्रचलन में बिक्रम संवत के अनुसार माघ साल के इगारहवाँ महीना होला। अंगरेजी (ग्रेगोरियन कैलेंडर) के हिसाब से एह महीना के सुरुआत कौनों फिक्स डेट के ना पड़ेला बलुक खसकत रहेला। आमतौर पर ई जनवरी/फरवरी के महीना में पड़े ला।
भारतीय राष्ट्रीय पंचांग, जेवन सुरुज आधारित होला, में माघ इगारहवाँ महीना हवे आ ग्रेगोरियन कैलेंडर के 21 जनवरी से एकर सुरुआत होले। नेपाल में प्रयुक्त कैलेंडर के हिसाब से ई साल के दसवाँ महीना हवे। बंगाली कैलेंडर में भी ई दसवाँ महीना होला।
नाँव
माघ महीना के नाँव भारतीय ज्योतिष आ खगोलशास्त्र में बर्णित मघा नक्षत्र के नाँव पर रखल गइल हवे। शाब्दिक अरथ होला मघा नक्षत्र के महीना। अइसन एह कारण से कहल जाला कि एह महीना के पुर्नवासी (पूर्णिमा) के चंद्रमा आकास में मघा नक्षत्र में (चाहे एकरे आसपास) देखालाई पड़े ला।
परब-तिहुआर
- अन्हार पाख
- चउथ — सकट चउथ, जेकरा संकष्टी गणेश चतुर्थी कहल जाला।
- एकादशी — षटतिला एकादशी।[1]
- अमौसा — मौनी अमौसा।
- अँजोर पाख
- पंचिमी — बसंत पंचिमी।
- एकादशी — जया एकादशी।
- पुर्नवासी — माघी पूर्णिमा।
- सुरुज के हिसाब से
- खिचड़ी चाहे मकर संक्रांति
- लोहड़ी
माघ महीना के अंजोर के पहिला नौ दिन गुप्त नवरातर होखे लें।[2] ई देवी दुर्गा के पूजा के दिन हवें हालांकि, आम जनता द्वारा ना मनावल जालें। आम लोग, ब्यापक रूप से दू गो नवरातर मनावे ला: शरद के नवरात्र आ बसंत के नवरात्र जे क्रम से कुआर आ चइत के महीना में पड़े लें।
एकरे अलावा इलाहाबाद में माघ के महीना में पूरा महीना भर चले वाला माघ मेला लागे ला।[3] प्रयाग के त्रिबेनी संगम क्षेत्र में पूरा महीना भर लोग रह के गंगा नहान आ पूजा-प्रार्थना करे ला। एकरा के कल्पवास कहल जाला। माघ मेंला के प्रमुख नहान परब सभ में मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी आ माघी पूर्णिमा होखे लें। हर बारहवाँ बरिस इहे माघ मेला कुंभ मेला के रूप में मनावल जाला आ तब एकर नहान परब शिवरात (महाशिवरात्रि, फागुन में पड़े ले) ले हो जालें।
संदर्भ
- ↑ पर्वतीय, लीलाधर शर्मा (1995). भारतीय संस्कृति कोश (हिंदी में). राजपाल एंड संस. ISBN 978-81-7028-167-2.
- ↑ Bhalla, Prem P. (22 अगस्त 2017). ABC of Hinduism (अंग्रेजी में). Educreation Publishing.
- ↑ भार्गव, गोपाल (2011). उत्तर प्रदेश की कला एवं संस्कृति (हिंदी में). Gyan Publishing House. ISBN 978-81-7835-892-5.