पानी प्रदूषण: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर
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बहुधा पानी के प्रदूषित मानल जाला जब एह में [[मनुष्य के पर्यावरण पर परभाव|मनुष्य के पैदा कइल]] (एन्थ्रोपोजेनिक) दूषक तत्व प्रवेश कइ जालें। एह दूषक तत्व (कंटामिनेंट) सभ के चलते पानी मनुष्य के इस्तेमाल सभ में से कुछ लायक ना रहि जाला, जइसे कि पिए लायक न रहि जाय चाहे औरी बेसी दूषित होखे पर नहाहू-धोये लायक न रहि जाय; या फिर पानी के एह छमता में कि ऊ अपने भीतर के जिया जंतु सभ सही सलामत राख सके, बदलाव आ जाला। एकरे अलावा ज्वालामुखी, सेवार ब्लूम, तूफान आ भूडोल नियर प्राकृतिक घटना सभ से भी पानी में दूषक तत्वन के प्रवेश हो सके ला आ पानी के गुणवत्ता में बदलाव आ सके ला। |
बहुधा पानी के प्रदूषित मानल जाला जब एह में [[मनुष्य के पर्यावरण पर परभाव|मनुष्य के पैदा कइल]] (एन्थ्रोपोजेनिक) दूषक तत्व प्रवेश कइ जालें। एह दूषक तत्व (कंटामिनेंट) सभ के चलते पानी मनुष्य के इस्तेमाल सभ में से कुछ लायक ना रहि जाला, जइसे कि पिए लायक न रहि जाय चाहे औरी बेसी दूषित होखे पर नहाहू-धोये लायक न रहि जाय; या फिर पानी के एह छमता में कि ऊ अपने भीतर के जिया जंतु सभ सही सलामत राख सके, बदलाव आ जाला। एकरे अलावा ज्वालामुखी, सेवार ब्लूम, तूफान आ भूडोल नियर प्राकृतिक घटना सभ से भी पानी में दूषक तत्वन के प्रवेश हो सके ला आ पानी के गुणवत्ता में बदलाव आ सके ला। |
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पानी के प्रदूषण आज पूरा बिस्व स्तर प एगो बीहड़ समस्या बन चुकल बाटे। एकरा चलते सगरी छोट-बड़ लेवल पर (बैस्विक से ले के लोकल स्तर प, एकलौता जलभरा भा इनार तक ले) लगातार जल संसाधन नीति सभ के मूल्यांकन आ रिवीजन के जरूरत बन गइल बाटे। ईहो जाहिर कइल जा रहल बाटे कि पानी के प्रदूषण आजकाल पूरा दुनिया में मौत आ बेमारी सभ के सभसे अगुआ कारन सभ में सामिल हो चुकल बा।<ref name="death">{{cite news |url=https://finance.yahoo.com/columnist/article/trenddesk/3748 |author=Pink, Daniel H. |publisher=Yahoo |title=Investing in Tomorrow's Liquid Gold |date=April 19, 2006 |url-status=dead |archive-url=https://web.archive.org/web/20060423172532/https://finance.yahoo.com/columnist/article/trenddesk/3748 |archive-date=April 23, 2006 }}</ref><ref name="death2">{{cite news |url=http://environment.about.com/od/environmentalevents/a/waterdayqa.htm |author=West, Larry |publisher=About.com |title=World Water Day: A Billion People Worldwide Lack Safe Drinking Water |date=2006-03-26}}</ref> एगो अनुमान के मोताबिक साल २०१५ में दुनियाँ में 18 लाख लोगन के जान गइल।<ref>{{cite news |url=https://www.reuters.com/article/us-health-pollution/study-links-pollution-to-millions-of-deaths-worldwide-idUSKBN1CO39B |author=Kelland, Kate |publisher=Reuters |title=Study links pollution to millions of deaths worldwide |date=2017-10-19}}</ref> |
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== कानून == |
== कानून == |
11:33, 9 अप्रैल 2021 तक ले भइल बदलाव
पानी परदूषण भा जल प्रदूषण पानी के भंडार सभ में नोकसानदेह चीजन के प्रवेश से होला। नदी, झील, ताल, समुंद्र आ जमीन के नीचे के जलसोता सभ में सीधे या फिर अप्रत्यक्ष रूप से नोक्सानदेह पदार्थन के पहुँचे से उनहन में मौजूद पानी के क्वालिटी खराब हो जाला आ जिंदा जिया-जंतु आ बनस्पति सभ खातिर इस्तमाल लायक ना रह जाला। मनुष्य के कई तरह के काम से अइसन प्रदूषक तत्व सभ पानी में पहुँचे लें।
पानी परदूषण के परभाव खाली मनुष्य के सेहत पर ना पड़े ला बलुक सगरी जीवमंडल एकरा से परभावित होला। पानी के क्वालिटी के खराब होखे से खाली भर कौनों खास जीव, प्रजाति या प्रजातिन के जनसंख्या भर ना परभावित होल बलुक इलाका के पूरा इकोसिस्टम के सेहत पर खराब परभाव पड़े ला।
परिचय
बहुधा पानी के प्रदूषित मानल जाला जब एह में मनुष्य के पैदा कइल (एन्थ्रोपोजेनिक) दूषक तत्व प्रवेश कइ जालें। एह दूषक तत्व (कंटामिनेंट) सभ के चलते पानी मनुष्य के इस्तेमाल सभ में से कुछ लायक ना रहि जाला, जइसे कि पिए लायक न रहि जाय चाहे औरी बेसी दूषित होखे पर नहाहू-धोये लायक न रहि जाय; या फिर पानी के एह छमता में कि ऊ अपने भीतर के जिया जंतु सभ सही सलामत राख सके, बदलाव आ जाला। एकरे अलावा ज्वालामुखी, सेवार ब्लूम, तूफान आ भूडोल नियर प्राकृतिक घटना सभ से भी पानी में दूषक तत्वन के प्रवेश हो सके ला आ पानी के गुणवत्ता में बदलाव आ सके ला।
पानी के प्रदूषण आज पूरा बिस्व स्तर प एगो बीहड़ समस्या बन चुकल बाटे। एकरा चलते सगरी छोट-बड़ लेवल पर (बैस्विक से ले के लोकल स्तर प, एकलौता जलभरा भा इनार तक ले) लगातार जल संसाधन नीति सभ के मूल्यांकन आ रिवीजन के जरूरत बन गइल बाटे। ईहो जाहिर कइल जा रहल बाटे कि पानी के प्रदूषण आजकाल पूरा दुनिया में मौत आ बेमारी सभ के सभसे अगुआ कारन सभ में सामिल हो चुकल बा।[1][2] एगो अनुमान के मोताबिक साल २०१५ में दुनियाँ में 18 लाख लोगन के जान गइल।[3]
कानून
भारत में पानी प्रदूषण के रोकथाम खातिर 1974 में कानून बनावल गइल; 1977 में कुछ अइसन इंडस्ट्री सभ पर सेस लगावल गइल जे पानी के प्रदूषित करे लीं आ एह कानून में अंतिम बेर 2003 में बदलाव भइल रहे जे अबतक लागू बा।[4]
इहो देखल जाय
संदर्भ
विकिमीडिया कॉमंस पर संबंधित मीडिया Water pollution पर मौजूद बा। |
- ↑ Pink, Daniel H. (April 19, 2006). "Investing in Tomorrow's Liquid Gold". Yahoo. Archived from the original on April 23, 2006.
- ↑ West, Larry (2006-03-26). "World Water Day: A Billion People Worldwide Lack Safe Drinking Water". About.com.
- ↑ Kelland, Kate (2017-10-19). "Study links pollution to millions of deaths worldwide". Reuters.
- ↑ "Water Pollution". cpcb.nic.in. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड. Retrieved 10 मई 2020.
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