3 मार्च: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर

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→‎जनम: जमशेदजी टाटा (३ मार्च १८३९ - १९ मई १९०४) भारत के महान उद्योगपति तथा विश्वप्रसिद्ध औद्योगिक घराने टाटा समूह के संस्थापक थे।
→‎निधन: फ़िराक़ गोरखपुरी (जनम: रघुपति सहाय, 28 अगस्त 1896 - 3 मार्च 1982) एगो भारतीय शायर, लेखक आ साहित्यिक समालोचक रहलें। उर्दू साहित्य में इनके योगदान ग़ज़ल, नज़्म, रुबाई, दोहा नियर बिधा में रहल आ कई गो समालोचना के किताब भी छपल; हालाँकि मुख्य रूप से इनके ग़ज़ल कहे वाला शायर के रूप में पहिचान हवे।[1] साहित्यिक हल्का में इनके फ़िराक़ साहब के नाँव से जानल जाय आ पेशा से ई इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में अंगरेजी साहित्य के लेक्चरर रहलें।
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==निधन==
==निधन==

* '''1982 - फ़िराक़ गोरखपुरी-''' एगो भारतीय शायर, लेखक आ साहित्यिक समालोचक रहलें।


==तिहुआर, छुट्टी अउरी खास महत्व ==
==तिहुआर, छुट्टी अउरी खास महत्व ==

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3 मार्च अंग्रेजी की ग्रेगरियन कैलेंडर में साल के 62वाँ दिन बाटे (63वाँ अधिबरिस सभ में)। साल के खतम होखे में अबहिन 303 दिन बचल बाटें।

घटना

जनम

  • 1839 - जमशेदजी टाटा - भारत क बड़का ब्यापारी औरी टाटा घराना क मलिकार रहलन

निधन

  • 1982 - फ़िराक़ गोरखपुरी- एगो भारतीय शायर, लेखक आ साहित्यिक समालोचक रहलें।

तिहुआर, छुट्टी अउरी खास महत्व