होली: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर

विकिपीडिया से
Content deleted Content added
सुधार
सुधार
लाइन 1: लाइन 1:
{{Infobox holiday
{{Infobox holiday
| holiday_name = होली
| holiday_name = होली
| image = Holi Celebration 2013.jpg
| image = A celebration of Holi Festival of Colors, Utah United States 2013.jpg
| caption = होली मनावत लोग
| caption = अमेरिका में होली मनावत लोग
| type = hindu
| type = hindu
| nickname = <!-- Festival of Colours! -->
| nickname = <!-- Festival of Colours! -->
लाइन 15: लाइन 15:
}}
}}
{{Hinduism}}
{{Hinduism}}
'''होली''' [[वसंत ऋतु]] में मनावल जाये वाला एगो महत्वपूर्ण भारतीय त्योहार ह।<ref name="OED-Holi">The New Oxford Dictionary of English (1998) ISBN 0-19-861263-X - p.874 "'''Holi''' /'həʊli:/ '''noun''' a Hindu spring festival ...".</ref> इ पर्व [[हिंदू पंचांग]] के अनुसार [[फागुन]] मास पूर्णिमा के मनावल जाला ।<ref>{{cite web|url=http://www.himalayanwonders.com/blog/celebrate-holi-nepals-colorful-festival.html|title=हिंदू विक्रम संवत् कैलेंडर के रूप में नेपाल और भारत में होली त्योहार की तिथि}}</ref>
'''होली''' [[बसंत ऋतु]] में मनावल जाये वाला एगो महत्वपूर्ण भारतीय त्योहार ह।<ref name="OED-Holi">The New Oxford Dictionary of English (1998) ISBN 0-19-861263-X - p.874 "'''Holi''' /'həʊli:/ '''noun''' a Hindu spring festival ...".</ref> इ पर्व [[हिंदू पंचांग]] के अनुसार [[फागुन]] मास की [[पुर्नवासी]] के मनावल जाला ।<ref>{{cite web|url=http://www.himalayanwonders.com/blog/celebrate-holi-nepals-colorful-festival.html|title=हिंदू विक्रम संवत् कैलेंडर के रूप में नेपाल और भारत में होली त्योहार की तिथि}}</ref>


फागुन में मनावे जाए वाला होली क त्योहार होलिका की दहन की साथ एक रात पहिलहीं से शुरू हो जाला ओइजा लोग एकट्ठा होला, होलिका दहन की आगे कईगो आपन रीति-रिवाज निभावेला आ प्रार्थना करेला। ओकरी अगिला सबेरे रंगवाली होली मनावल जाला, इ एगो रंग महोत्सव की तरह होला जवने में हर केहू शामिल हो सकेला। ए महोत्सव में शामिल होखे वाला लोग एकदूसरे प रंग डाल के, गुलाल लगाके होली मनावेला। लोगन क दल ड्रम बजावेला, जगहे-जगहे नाचेला गावेला। लोग रंग खेले एकदूसरे की घरे जाला, खूब हँसी मजाक, गप्पा लागेला, ओकरी अलावा खईले पियले क कार्यक्रम होला, कुछ लोग भाँग वगैरह क सेवन करेला। इ सब कुल ख़तम होखले की बाद सांझी क, अदमी अच्छा से कपड़ा पहिन के अपनी दोस्त रिश्तेदारन से मिले जाला।।<ref name=ht>[http://www.hinduismtoday.com/pdf_downloads/pagers/Hindu-Festival_Holi_broadsheet-color.pdf होली: दोस्ती के रंग के साथ छिड़क] हिन्दूइसम टुडे,हवाई (२०११)</ref>
फागुन में मनावे जाए वाला होली क त्योहार [[सम्मत फूँकल|होलिका की दहन]] की साथ एक रात पहिलहीं से शुरू हो जाला ओइजा लोग एकट्ठा होला, होलिका दहन की आगे कईगो आपन रीति-रिवाज निभावेला आ प्रार्थना करेला। ओकरी अगिला सबेरे रंगवाली होली मनावल जाला, इ एगो रंग महोत्सव की तरह होला जवने में हर केहू शामिल हो सकेला। ए महोत्सव में शामिल होखे वाला लोग एकदूसरे प रंग डाल के, गुलाल लगाके होली मनावेला। लोगन क दल ड्रम बजावेला, जगहे-जगहे नाचेला गावेला। लोग रंग खेले एकदूसरे की घरे जाला, खूब हँसी मजाक, गप्पा लागेला, ओकरी अलावा खईले पियले क कार्यक्रम होला, कुछ लोग भाँग वगैरह क सेवन करेला। इ सब कुल ख़तम होखले की बाद सांझी क, अदमी अच्छा से कपड़ा पहिन के अपनी दोस्त रिश्तेदारन से मिले जाला।।<ref name=ht>[http://www.hinduismtoday.com/pdf_downloads/pagers/Hindu-Festival_Holi_broadsheet-color.pdf होली: दोस्ती के रंग के साथ छिड़क] हिन्दूइसम टुडे,हवाई (२०११)</ref>


इ त्योहार अच्छाई क बुराई पर जीत क संदेशा देला ओकरी अलावा, वसंत ऋतु क आगमन, शीत ऋतु क अंत क संकेत की साथ कई अदमी खातिर इ त्योहार सबसे मेल मिलाप, हँसले बोलले क बहाना, कड़वाहट भुला के माफ़ी दिहले क आ आपन टूटल रिश्ता जोड़ले क मौका होला।
इ त्योहार अच्छाई क बुराई पर जीत क संदेशा देला ओकरी अलावा, वसंत ऋतु क आगमन, शीत ऋतु क अंत क संकेत की साथ कई अदमी खातिर इ त्योहार सबसे मेल मिलाप, हँसले बोलले क बहाना, कड़वाहट भुला के माफ़ी दिहले क आ आपन टूटल रिश्ता जोड़ले क मौका होला।
लाइन 23: लाइन 23:
==ऐतिहासिक महत्व==
==ऐतिहासिक महत्व==
[[File:Holi Bonfire Udaipur.jpg|thumb|left|150px|होलिका जरावल, उदयपुर, राजस्थान]]
[[File:Holi Bonfire Udaipur.jpg|thumb|left|150px|होलिका जरावल, उदयपुर, राजस्थान]]
होली मनवले की पीछे एगो किवंदती बा। “होली” शब्द “होलिका” में से आईल बा, होलिका पंजाब क्षेत्र की मुलतान में असुरन की राजा हिरण्यकश्यप क बोहिन रहे। किवंदती की अनुसार राजा हिरण्यकश्यप
होली मनवले की पीछे एगो किवंदती बा। “होली” शब्द “[[होलिका]]” में से आईल बा, होलिका पंजाब क्षेत्र की मुलतान में असुरन की राजा हिरण्यकश्यप क बोहिन रहे। किवंदती की अनुसार राजा हिरण्यकश्यप
<ref>कबीर भाई-शिष्य उनकी कविता में रैदास, ''प्रह्लाद चरित'', अपने बेटे के रूप में मुल्तान और प्रहलाद के राजा के रूप में हिरण्यकश्यप को संदर्भित करता है; डेविड लोरेंज़ेन, (१९९६), सनी प्रेस, प.१८, [https://books.google.co.uk/books?id=tE3sShuid5gC&pg=PA18&dq=multan+prahlad&hl=en&sa=X&ei=9pH8VJu8A-WE7ga4sICgAQ&ved=0CCAQ6AEwAA#v=onepage&q=multan%20prahlad&f=एक निराकार परमेश्वर को झूठी प्रशंसा: उत्तर भारत से निर्गुणी ग्रंथों]</ref> के एगो वरदान मिलल रहे जवने की वजह से उ लगभग अविनाशी हो गईल रहे और एसे उ आगे चलके अहंकारी हो गईल और खुदके भगवान माने लागल, और फेर सबके आदेश जारी क दिहलस की सभे खाली ओहि क पूजा करे।
<ref>कबीर भाई-शिष्य उनकी कविता में रैदास, ''प्रह्लाद चरित'', अपने बेटे के रूप में मुल्तान और प्रहलाद के राजा के रूप में हिरण्यकश्यप को संदर्भित करता है; डेविड लोरेंज़ेन, (१९९६), सनी प्रेस, प.१८, [https://books.google.co.uk/books?id=tE3sShuid5gC&pg=PA18&dq=multan+prahlad&hl=en&sa=X&ei=9pH8VJu8A-WE7ga4sICgAQ&ved=0CCAQ6AEwAA#v=onepage&q=multan%20prahlad&f=एक निराकार परमेश्वर को झूठी प्रशंसा: उत्तर भारत से निर्गुणी ग्रंथों]</ref> के एगो वरदान मिलल रहे जवने की वजह से उ लगभग अविनाशी हो गईल रहे और एसे उ आगे चलके अहंकारी हो गईल और खुदके भगवान माने लागल, और फेर सबके आदेश जारी क दिहलस की सभे खाली ओहि क पूजा करे।


लाइन 35: लाइन 35:


अइसन मानल जाला कि होली क दिन लोग पुरान कटुता के भुलाके गले मिलेलन अउरी फिर से सँगी बन जालन। एक दूसरा के रंगे अउरी गावै बजावै क दौर दुपहरिया तक चलेला। एकरा बाद नहा के सुस्तइला क बाद नया कपड़ा पहिन के सांझ के लोग एगो दुसरा क घरे मीले जालन, गले मीलेलन अउरी मिठाइ खालन ।<ref name=ihh>[http://www.indiaheritage.org/culture/holi.htm होली]भारत धरोहर: संस्कृति, मेले और त्योहार (२००८)</ref>
अइसन मानल जाला कि होली क दिन लोग पुरान कटुता के भुलाके गले मिलेलन अउरी फिर से सँगी बन जालन। एक दूसरा के रंगे अउरी गावै बजावै क दौर दुपहरिया तक चलेला। एकरा बाद नहा के सुस्तइला क बाद नया कपड़ा पहिन के सांझ के लोग एगो दुसरा क घरे मीले जालन, गले मीलेलन अउरी मिठाइ खालन ।<ref name=ihh>[http://www.indiaheritage.org/culture/holi.htm होली]भारत धरोहर: संस्कृति, मेले और त्योहार (२००८)</ref>
[[File:A celebration of Holi Festival of Colors, Utah United States 2013.jpg|thumb|right|260px|अमेरिका में होली मानवत भारतीय लोग]]
[[File:Holi Celebration 2013.jpg|thumb|right|260px|होली मानवत लोग]]


राग-रंग क इ लोकप्रिय पर्व वसंत क सन्देश वाहको भी ह। राग मने संगीत अउरी रंग त एकर प्रमुख अंग हइये ह, लेकिन एकरा के उत्कर्ष तक पहुँचावे वाली प्रकृति भी इ समय रंग बिरंगा यौवन क संगे आपन चरम अवस्था पे होले। फागुन महीना में मनावल जाये क कारन एके फाल्गुनी भी कहल जाला ।
राग-रंग क इ लोकप्रिय पर्व वसंत क सन्देश वाहको भी ह। राग मने संगीत अउरी रंग त एकर प्रमुख अंग हइये ह, लेकिन एकरा के उत्कर्ष तक पहुँचावे वाली प्रकृति भी इ समय रंग बिरंगा यौवन क संगे आपन चरम अवस्था पे होले। फागुन महीना में मनावल जाये क कारन एके फाल्गुनी भी कहल जाला ।


होली क त्योहार वसंत पंचमी से ही शुरू हो जाला।{{refn|group=नोट|name=holicalendars|Since ancient times, the Indian subcontinent has had several major [[Hindu calendar]]s, which places Holi and other festivals on different local months even though they mean the the same date. Some Hindu calendars emphasize the solar cycle, some the lunar cycle. Further, the regional calendars feature two traditions of Amanta and Purnimanta systems, wherein the similar sounding months refer to different parts of a lunar cycle, thus further diversifying the nomenclature. The Hindu festival of Holi falls on the first (full moon) day of ''Chaitra'' lunar month's dark fortnight in the Purnimanta system, while the same exact day for Holi is expressed in Amanta system as the lunar day of ''Phalguna Purnima''.<ref name=fuller292>{{cite book|author=Christopher John Fuller|title=The Camphor Flame: Popular Hinduism and Society in India|url=https://books.google.com/books?id=To6XSeBUW3oC|year=2004|publisher=Princeton University Press|isbn=978-0-69112-04-85|pages=291-293}}</ref> Both time measuring and dating systems are equivalent ways of meaning the same thing, they continue to be in use in different regions.<ref name=fuller292/><ref name="Reingold2008p275">{{cite book|author1=Nachum Dershowitz|author2=Edward M. Reingold|title=Calendrical Calculations|url=https://books.google.com/books?id=DPbx0-qgXu0C|year=2008|publisher=Cambridge University Press|isbn=978-0-521-88540-9|pages=123–133, 275–311}}</ref> In regions where the local calendar places it in its ''Phalguna'' month, Holi is also called ''Phaguwa''.}} ओही दिने पाहिले बार गुलाल उड़ावल जाला। एही दिन से फाग और धमार क गाना शुरू हो जाला। खेत में सरसो खिल उठेले। बाग- बगइचा में फूल क आकर्षक छटा छा जाला । पेड़-पौधे, पशु-पक्षी और मनुष्य सब उल्लास से परिपूर्ण हो जाते हैं। खेतों में गेहूँ की बालियाँ इठलाने लगती हैं। किसानों का ह्रदय ख़ुशी से नाच उठता है। बच्चे-बूढ़े सभी व्यक्ति सब कुछ संकोच और रूढ़ियाँ भूलकर ढोलक-झाँझ-मंजीरों की धुन के साथ नृत्य-संगीत व रंगों में डूब जाते हैं। चारों तरफ़ रंगों की फुहार फूट पड़ती है। होली के दिन आम्र मंजरी तथा चंदन को मिलाकर खाने का बड़ा माहात्म्य ह।
होली क त्योहार [[बसंत पंचमी]] से ही शुरू हो जाला।{{refn|group=नोट|name=holicalendars|Since ancient times, the Indian subcontinent has had several major [[Hindu calendar]]s, which places Holi and other festivals on different local months even though they mean the the same date. Some Hindu calendars emphasize the solar cycle, some the lunar cycle. Further, the regional calendars feature two traditions of Amanta and Purnimanta systems, wherein the similar sounding months refer to different parts of a lunar cycle, thus further diversifying the nomenclature. The Hindu festival of Holi falls on the first (full moon) day of ''Chaitra'' lunar month's dark fortnight in the Purnimanta system, while the same exact day for Holi is expressed in Amanta system as the lunar day of ''Phalguna Purnima''.<ref name=fuller292>{{cite book|author=Christopher John Fuller|title=The Camphor Flame: Popular Hinduism and Society in India|url=https://books.google.com/books?id=To6XSeBUW3oC|year=2004|publisher=Princeton University Press|isbn=978-0-69112-04-85|pages=291-293}}</ref> Both time measuring and dating systems are equivalent ways of meaning the same thing, they continue to be in use in different regions.<ref name=fuller292/><ref name="Reingold2008p275">{{cite book|author1=Nachum Dershowitz|author2=Edward M. Reingold|title=Calendrical Calculations|url=https://books.google.com/books?id=DPbx0-qgXu0C|year=2008|publisher=Cambridge University Press|isbn=978-0-521-88540-9|pages=123–133, 275–311}}</ref> In regions where the local calendar places it in its ''Phalguna'' month, Holi is also called ''Phaguwa''.}} ओही दिने पाहिले बार गुलाल उड़ावल जाला। एही दिन से फाग और धमार क गाना शुरू हो जाला। खेत में सरसो खिल उठेले। बाग- बगइचा में फूल क आकर्षक छटा छा जाला । पेड़-पौधे, पशु-पक्षी और मनुष्य सब उल्लास से परिपूर्ण हो जाते हैं। खेतों में गेहूँ की बालियाँ इठलाने लगती हैं। किसानों का ह्रदय ख़ुशी से नाच उठता है। बच्चे-बूढ़े सभी व्यक्ति सब कुछ संकोच और रूढ़ियाँ भूलकर ढोलक-झाँझ-मंजीरों की धुन के साथ नृत्य-संगीत व रंगों में डूब जाते हैं। चारों तरफ़ रंगों की फुहार फूट पड़ती है। होली के दिन आम्र मंजरी तथा चंदन को मिलाकर खाने का बड़ा माहात्म्य ह।


==विवरण==
==विवरण==

20:30, 8 मार्च 2017 तक ले भइल बदलाव

होली
अमेरिका में होली मनावत लोग
मनावे वालाहिंदू,[1] आ कुछ जैन लोग,[2] नेवार इलाका के बौद्ध[3] आ अन्य गैर-हिंदू लोग भी।[4]
प्रकारधार्मिक, सांस्कृतिक, बसंत के तिहवार
मनावे के तरीकाएक रात पहिले: होलिका जरावल
(सम्मत फूँकल
होली के दिन: एक दूसरा पर रंग-अबीर फेंकल, नाच-गाना, तिहवार पर बने वाला पकवान खाइल।[5]
समयहिंदू कैलेंडर के हिसाब से[नोट 1]
केतना बेरसालाना

होली बसंत ऋतु में मनावल जाये वाला एगो महत्वपूर्ण भारतीय त्योहार ह।[1] इ पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार फागुन मास की पुर्नवासी के मनावल जाला ।[7]

फागुन में मनावे जाए वाला होली क त्योहार होलिका की दहन की साथ एक रात पहिलहीं से शुरू हो जाला ओइजा लोग एकट्ठा होला, होलिका दहन की आगे कईगो आपन रीति-रिवाज निभावेला आ प्रार्थना करेला। ओकरी अगिला सबेरे रंगवाली होली मनावल जाला, इ एगो रंग महोत्सव की तरह होला जवने में हर केहू शामिल हो सकेला। ए महोत्सव में शामिल होखे वाला लोग एकदूसरे प रंग डाल के, गुलाल लगाके होली मनावेला। लोगन क दल ड्रम बजावेला, जगहे-जगहे नाचेला गावेला। लोग रंग खेले एकदूसरे की घरे जाला, खूब हँसी मजाक, गप्पा लागेला, ओकरी अलावा खईले पियले क कार्यक्रम होला, कुछ लोग भाँग वगैरह क सेवन करेला। इ सब कुल ख़तम होखले की बाद सांझी क, अदमी अच्छा से कपड़ा पहिन के अपनी दोस्त रिश्तेदारन से मिले जाला।।[5]

इ त्योहार अच्छाई क बुराई पर जीत क संदेशा देला ओकरी अलावा, वसंत ऋतु क आगमन, शीत ऋतु क अंत क संकेत की साथ कई अदमी खातिर इ त्योहार सबसे मेल मिलाप, हँसले बोलले क बहाना, कड़वाहट भुला के माफ़ी दिहले क आ आपन टूटल रिश्ता जोड़ले क मौका होला।

ऐतिहासिक महत्व

होलिका जरावल, उदयपुर, राजस्थान

होली मनवले की पीछे एगो किवंदती बा। “होली” शब्द “होलिका” में से आईल बा, होलिका पंजाब क्षेत्र की मुलतान में असुरन की राजा हिरण्यकश्यप क बोहिन रहे। किवंदती की अनुसार राजा हिरण्यकश्यप [8] के एगो वरदान मिलल रहे जवने की वजह से उ लगभग अविनाशी हो गईल रहे और एसे उ आगे चलके अहंकारी हो गईल और खुदके भगवान माने लागल, और फेर सबके आदेश जारी क दिहलस की सभे खाली ओहि क पूजा करे।

लेकिन ओकर आपन लईका प्रह्लाद[9] ओकरी ए बात से सहमत नाहीं रह न। उ पहिलहीं से भगवान विष्णु के मानें और हिरण्यकश्यप की आदेश की बादो भगवान विष्णुए क पूजा कइल जारी रख न। ए वजह से हिरण्यकश्यप प्रह्लाद के कई बेर क्रूर सजा दिहलस लेकिन एको बेर प्रह्लाद के न कौनों नुकसान पहुँचल और न ही उनकी सोच पर कौनों फर्क पड़ल। आखिर में होलिका प्रह्लाद के बहला - फुसला के चिता में साथ ले के बैठल। होलिका एगो चोगा पहिनले रहे जवन ओकर आग से रक्षा करे, लेकिन चिता में जैसे आग लागल उ चोगा होलिका की देहीं से उड़ के प्रह्लाद के ढक लिहलस जेसे प्रह्लाद त आगी से बच गईन लेकिन होलिका जर गईल। एसे बौखलाइल हिरण्यकश्यप अपनी गदा से एगो खंभा पर प्रहार कइलस, खंभा फूटल और ओमें से भगवान विष्णु नरसिंह अवतार लेके प्रकट भई न और हिरण्यकश्यप क खात्मा कई न।

ए तरह से इ होलिकादहन बुराई पर अच्छाई क संकेत देला। होलिकादहन की अगिला दिनें जब राखी ठंडा हो जाला तब कई अदमी इ राखी ओही समय से परम्परागत तौर से अपनी माथा प लगावेला। लेकिन इ परम्परा में समय बितले की साथ राखी की साथ रंग जुड़ गईल।

मनावे के तरीका

होली के रंग से सजल दूकान

रंग क त्योहार कहल जाये वाला इ पर्व पारंपरिक रूप से दू दिन मनावल जाला। इ प्रमुखता से भारत अउरी नेपाल में मनावल जाला ![10] इ त्यौहार कई अउरी देश जौना में अल्पसंख्यक हिन्दू लोग रहेलन , उहवो धूम धाम क साथ मनावल जाला! पहिले दिन होलिका जलावल जाला, जवना के होलिका दहन भी कहल जाला। दुसरा दिन , जवना के धुरड्डी, धुलेंडी, धुरखेल या धूलिवंदन कहल जाला, लोग एक दुसरा पे रंग, अबीर-गुलाल इत्यादि फेकेलन, ढोल बजा के होली के गीत गावल जाला, अउरी घरे-घरे जाके लोगन के रंग लगावल जाला।[11]

अइसन मानल जाला कि होली क दिन लोग पुरान कटुता के भुलाके गले मिलेलन अउरी फिर से सँगी बन जालन। एक दूसरा के रंगे अउरी गावै बजावै क दौर दुपहरिया तक चलेला। एकरा बाद नहा के सुस्तइला क बाद नया कपड़ा पहिन के सांझ के लोग एगो दुसरा क घरे मीले जालन, गले मीलेलन अउरी मिठाइ खालन ।[12]

चित्र:Holi Celebration 2013.jpg
होली मानवत लोग

राग-रंग क इ लोकप्रिय पर्व वसंत क सन्देश वाहको भी ह। राग मने संगीत अउरी रंग त एकर प्रमुख अंग हइये ह, लेकिन एकरा के उत्कर्ष तक पहुँचावे वाली प्रकृति भी इ समय रंग बिरंगा यौवन क संगे आपन चरम अवस्था पे होले। फागुन महीना में मनावल जाये क कारन एके फाल्गुनी भी कहल जाला ।

होली क त्योहार बसंत पंचमी से ही शुरू हो जाला।[नोट 1] ओही दिने पाहिले बार गुलाल उड़ावल जाला। एही दिन से फाग और धमार क गाना शुरू हो जाला। खेत में सरसो खिल उठेले। बाग- बगइचा में फूल क आकर्षक छटा छा जाला । पेड़-पौधे, पशु-पक्षी और मनुष्य सब उल्लास से परिपूर्ण हो जाते हैं। खेतों में गेहूँ की बालियाँ इठलाने लगती हैं। किसानों का ह्रदय ख़ुशी से नाच उठता है। बच्चे-बूढ़े सभी व्यक्ति सब कुछ संकोच और रूढ़ियाँ भूलकर ढोलक-झाँझ-मंजीरों की धुन के साथ नृत्य-संगीत व रंगों में डूब जाते हैं। चारों तरफ़ रंगों की फुहार फूट पड़ती है। होली के दिन आम्र मंजरी तथा चंदन को मिलाकर खाने का बड़ा माहात्म्य ह।

विवरण

होली हिन्दू लोगन की आलावा कई और भारतीय और दक्षिण एशिया की लोगन की खातिर एगो महत्वपूर्ण त्योहार ह। नेपाल के नेवार इलाका के बौद्ध लोग भी ई तिहुआर मनावे ला।[3] इ के खतम भइला पर फागुन के पूर्णिमा की दिनें मनावल जाला, जवन की आमतौर प अंग्रेजी कैलेण्डर के हिसाब से मार्च महिना में और कई बेर फरवरी की आखिर में पड़ेला।

इ त्योहार मनवले क कई गो वजह बा; खासतौर से, इ वसंत ऋतु की शुरुआत में मनावल जाला। 17वीं सदी की साहित्य में होली के खेती क और उपजाऊ जमीन की महोत्सव की तौर प चिन्हित कइल गईल बा।

नोट

  1. 1.0 1.1 Since ancient times, the Indian subcontinent has had several major Hindu calendars, which places Holi and other festivals on different local months even though they mean the the same date. Some Hindu calendars emphasize the solar cycle, some the lunar cycle. Further, the regional calendars feature two traditions of Amanta and Purnimanta systems, wherein the similar sounding months refer to different parts of a lunar cycle, thus further diversifying the nomenclature. The Hindu festival of Holi falls on the first (full moon) day of Chaitra lunar month's dark fortnight in the Purnimanta system, while the same exact day for Holi is expressed in Amanta system as the lunar day of Phalguna Purnima.[13] Both time measuring and dating systems are equivalent ways of meaning the same thing, they continue to be in use in different regions.[13][14] In regions where the local calendar places it in its Phalguna month, Holi is also called Phaguwa.

संदर्भ

  1. 1.0 1.1 The New Oxford Dictionary of English (1998) ISBN 0-19-861263-X - p.874 "Holi /'həʊli:/ noun a Hindu spring festival ...".
  2. Kristi L. Wiley (2009). The A to Z of Jainism. Scarecrow. p. 42. ISBN 978-0-8108-6337-8.
  3. 3.0 3.1 Bal Gopal Shrestha (2012). The Sacred Town of Sankhu: The Anthropology of Newar Ritual, Religion and Society in Nepal. Cambridge Scholars Publishing. pp. 269–271, 240–241. ISBN 978-1-4438-3825-2.
  4. Lyford, Chris (2013-04-05). "Hindu spring festivals increase in popularity and welcome non-Hindus". दि वाशिंगटन पोस्ट. न्यू यॉर्क सिटी. Retrieved 23 फरवरी 2016. Despite what some call the reinvention of Holi, the simple fact that the festival has transcended cultures and brings people together is enough of a reason to embrace the change, others say. In fact, it seems to be in line with many of the teachings behind Holi festivals.
  5. 5.0 5.1 होली: दोस्ती के रंग के साथ छिड़क हिन्दूइसम टुडे,हवाई (२०११)
  6. "Holidays in India, Month of March 2017". भारत सरकार. Retrieved 18 मार्च 2016.
  7. "हिंदू विक्रम संवत् कैलेंडर के रूप में नेपाल और भारत में होली त्योहार की तिथि".
  8. कबीर भाई-शिष्य उनकी कविता में रैदास, प्रह्लाद चरित, अपने बेटे के रूप में मुल्तान और प्रहलाद के राजा के रूप में हिरण्यकश्यप को संदर्भित करता है; डेविड लोरेंज़ेन, (१९९६), सनी प्रेस, प.१८, निराकार परमेश्वर को झूठी प्रशंसा: उत्तर भारत से निर्गुणी ग्रंथों
  9. प्रह्लाद एंड होलीका कथा (कहानी) इन हिंदी
  10. "नेपाली की होली उत्सव".
  11. धर्म - हिंदू धर्म: होली. बीबीसी. Retrieved on 2011-03-21.
  12. होलीभारत धरोहर: संस्कृति, मेले और त्योहार (२००८)
  13. 13.0 13.1 Christopher John Fuller (2004). The Camphor Flame: Popular Hinduism and Society in India. Princeton University Press. pp. 291–293. ISBN 978-0-69112-04-85.
  14. Nachum Dershowitz; Edward M. Reingold (2008). Calendrical Calculations. Cambridge University Press. pp. 123–133, 275–311. ISBN 978-0-521-88540-9.