हिंदू धर्म: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर
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'''हिंदू धर्म''' एगो धर्म भा जीवन शैली बा। एकरा माने वाला लोग मुख्य रूप से भारत आ नेपाल में बा आ छिटपुट रूप से पुरा दुनिया में बाटे। एकरा माने वाला लोग यह के वैदिक धर्म भा सनातनधर्म भी कहे ला। |
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हिन्दुधर्म सनातनधर्म के उपनाम ह। वेद में एकरा के वैदिकधर्मः भी कहल जाला । आर्य सन्त एहि धर्म के आर्यधर्मः के नाम से भी बतवले बाड़े । |
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==नाँव के उतपत्ति== |
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'''इतिहास''' |
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सिंधू नदी के किनारे यी धर्म के उतपत्ति भईल रहे पारसी लोग "स" के उच्चारण "ह" के रूप में करेले जैसे हिन्दुसंस्कृति , हिन्दुराष्ट्र वही प्रकार से महाराज बिक्रमादित्य के सिंधु घाटी के सभय्ता आ धर्म , हिन्दू धर्म के नाम से प्रसिद्ध हो गईल केहु ज्ञानी जन ई माने लें की हिंदू धर्म सिंधु घाटी के सभ्यता से भी पुरान ह | ऋग्वेद के "बृहस्पत्याग" में उल्लेख मिलेला की : |
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हिंदू शब्द के उतपत्ति "[[सिंधु नदी|सिंधु]]" से मानल जाले। पारसी लोग "स" के उच्चारण "ह" के रूप में करेलें। ऊ लोग सिंधु नदी के पूरुब में रहे वाला लोग के हिन्दू कहे लागल। |
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==बाद के परिभाषा== |
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बाद में ऐहकरा परिभाषा में कई गो श्लोक रचल गइल। |
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"बार्हस्पत्य" में उल्लेख मिलेला की : |
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'''हिमालयं समारभ्य यावद् इन्दुसरोवरं ।''' |
'''हिमालयं समारभ्य यावद् इन्दुसरोवरं ।''' |
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'''तं देवनिर्मितं देशं हिन्दुस्थानं प्रचक्षते ।।''' |
'''तं देवनिर्मितं देशं हिन्दुस्थानं प्रचक्षते ।।''' |
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अर्थात् हिमालय पर्वत से समुद्र तक देवता लोग के हाथ से स्थापित देश के हिंदुस्तान कहल |
अर्थात् हिमालय पर्वत से समुद्र तक देवता लोग के हाथ से स्थापित देश के हिंदुस्तान कहल गईल। |
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मेरुतन्त्र (शैवग्रन्थ) में कहल बा: |
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'''हीनं च दूष्यत्येव हिन्दुरित्युच्यते प्रिये।''' |
'''हीनं च दूष्यत्येव हिन्दुरित्युच्यते प्रिये।''' |
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अर्थात जे अज्ञानता आ हीनता के त्याग करेला ओकरे के हिन्दू कहल |
अर्थात जे अज्ञानता आ हीनता के त्याग करेला ओकरे के हिन्दू कहल जाला। |
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माधवदिग्विजय में लिखल बा :- |
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'''ओंकारमंत्रमूलाढ्य पुनर्जन्म दृढाशयः ।''' |
'''ओंकारमंत्रमूलाढ्य पुनर्जन्म दृढाशयः ।''' |
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'''गोभक्तो भारतगुरूर्हिन्दुर्हिंसनदूषकः ॥''' |
'''गोभक्तो भारतगुरूर्हिन्दुर्हिंसनदूषकः ॥''' |
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अर्थात जे |
अर्थात जे ओंकार के मूलमंत्र के जप करेला कर्म में बिस्वास करेला गायी के सेवा, प्रकृति के सेवा करेला आ हिंसा से दूर रहेला उहे हिन्दू कहाला |
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05:36, 25 मार्च 2016 तक ले भइल बदलाव
हिंदू धर्म एगो धर्म भा जीवन शैली बा। एकरा माने वाला लोग मुख्य रूप से भारत आ नेपाल में बा आ छिटपुट रूप से पुरा दुनिया में बाटे। एकरा माने वाला लोग यह के वैदिक धर्म भा सनातनधर्म भी कहे ला।
नाँव के उतपत्ति
हिंदू शब्द के उतपत्ति "सिंधु" से मानल जाले। पारसी लोग "स" के उच्चारण "ह" के रूप में करेलें। ऊ लोग सिंधु नदी के पूरुब में रहे वाला लोग के हिन्दू कहे लागल।
बाद के परिभाषा
बाद में ऐहकरा परिभाषा में कई गो श्लोक रचल गइल।
"बार्हस्पत्य" में उल्लेख मिलेला की :
हिमालयं समारभ्य यावद् इन्दुसरोवरं ।
तं देवनिर्मितं देशं हिन्दुस्थानं प्रचक्षते ।।
अर्थात् हिमालय पर्वत से समुद्र तक देवता लोग के हाथ से स्थापित देश के हिंदुस्तान कहल गईल।
मेरुतन्त्र (शैवग्रन्थ) में कहल बा:
हीनं च दूष्यत्येव हिन्दुरित्युच्यते प्रिये।
अर्थात जे अज्ञानता आ हीनता के त्याग करेला ओकरे के हिन्दू कहल जाला।
माधवदिग्विजय में लिखल बा :-
ओंकारमंत्रमूलाढ्य पुनर्जन्म दृढाशयः ।
गोभक्तो भारतगुरूर्हिन्दुर्हिंसनदूषकः ॥
अर्थात जे ओंकार के मूलमंत्र के जप करेला कर्म में बिस्वास करेला गायी के सेवा, प्रकृति के सेवा करेला आ हिंसा से दूर रहेला उहे हिन्दू कहाला