रामभद्राचार्य: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर

विकिपीडिया से
Content deleted Content added
छो Bot: Migrating 15 interwiki links, now provided by Wikidata on d:q53619 (translate me)
छो →‎जनम: Removing unnecessary tags with native names, replaced: । → । (2) using AWB
लाइन 4: लाइन 4:
== जनम ==
== जनम ==


जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य के जनम सरयूपारीण ब्राह्मण कुल के वशिष्ठ गोत्र मे होइल रहे । १४ जनवरी १९५०, माघ महिना के कृष्णपक्ष एकादशी के मकर संकरान्ति के शुभ अवसर पे अनुराधा नक्षत्र मे, प्रातः काल के १०.३४ मे महाराजश्री शरीर धारण कैयले। जौनपुर के अंतर्गत शाण्डिखुर्द नामक स्थान में ब्राह्मण दम्पति पंडित राजदेव मिश्र और शची मैया के इनकर माता-पिता बनले के सौभाग्य प्राप्त होइल । आचार्यजी के पूज्य बाबा पंडित सूर्यबली मिश्रजी के बहिन गिरधरलाल के प्रेमी भक्त रहली त एही कारण उनकर नाम भी "गिरिधर" नाम रखल गईल।
जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य के जनम सरयूपारीण ब्राह्मण कुल के वशिष्ठ गोत्र मे होइल रहे। १४ जनवरी १९५०, माघ महिना के कृष्णपक्ष एकादशी के मकर संकरान्ति के शुभ अवसर पे अनुराधा नक्षत्र मे, प्रातः काल के १०.३४ मे महाराजश्री शरीर धारण कैयले। जौनपुर के अंतर्गत शाण्डिखुर्द नामक स्थान में ब्राह्मण दम्पति पंडित राजदेव मिश्र और शची मैया के इनकर माता-पिता बनले के सौभाग्य प्राप्त होइल। आचार्यजी के पूज्य बाबा पंडित सूर्यबली मिश्रजी के बहिन गिरधरलाल के प्रेमी भक्त रहली त एही कारण उनकर नाम भी "गिरिधर" नाम रखल गईल।


== आधार ==
== आधार ==

07:01, 29 सितंबर 2014 तक ले भइल बदलाव

रामभद्राचार्य

जगदगुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य चित्रकूट, भारत में रहल एक हिन्दू धार्मिक नेता बा।[1]

जनम

जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य के जनम सरयूपारीण ब्राह्मण कुल के वशिष्ठ गोत्र मे होइल रहे। १४ जनवरी १९५०, माघ महिना के कृष्णपक्ष एकादशी के मकर संकरान्ति के शुभ अवसर पे अनुराधा नक्षत्र मे, प्रातः काल के १०.३४ मे महाराजश्री शरीर धारण कैयले। जौनपुर के अंतर्गत शाण्डिखुर्द नामक स्थान में ब्राह्मण दम्पति पंडित राजदेव मिश्र और शची मैया के इनकर माता-पिता बनले के सौभाग्य प्राप्त होइल। आचार्यजी के पूज्य बाबा पंडित सूर्यबली मिश्रजी के बहिन गिरधरलाल के प्रेमी भक्त रहली त एही कारण उनकर नाम भी "गिरिधर" नाम रखल गईल।

आधार

  1. दिनकर, डॉ. वागीश (2008) (हिन्दी में). श्रीभार्गवराघवीयम् मीमांसा [श्रीभार्गवराघवीयम् में छानबीन]. दिल्ली, भारत: देशभरती प्रकाशन. ISBN 978-81-908276-6-9.

टेम्पलेट:Link FA टेम्पलेट:Link FA टेम्पलेट:Link FA