मकर रेखा: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर

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[[File:World map with tropic of capricorn.svg|thumb|right|300px|विश्व की नक्शा पर मकर रेखा क इस्थिति]]
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[[File:Earth-lighting-winter-solstice EN.png|thumb|right|300px|[[दक्खिनी संक्रांति]] की समय क इस्थिति जब सूर्य क किरण मकर रेखा पर सीधा पड़त बा]]
'''मकर रेखा''' एगो अइसन कल्पित रेखा ह जेवन पृथ्वी की ओ सारा जगहन से हो के गुजरे ले जवन पृथ्वी क सबसे दक्खिन ओर क आस्थान हवें जहाँ सुरुज क किरन साल में कम से कम एक दिन जरूर सीधा (90 अंश पर) पड़ेले। अइसन वर्तमान समय में 22 दिसंबर के होला जब सूर्य सबसे दक्खिन ले पहुँच के सीधा चमकेला। अइसन पृथ्वी की एकरी काल्पनिक धुरी की झुकाव की वजह से होला आ 22 दिसंबर के पृथ्वी क दक्खिनी हिस्सा ठीक सुरुज की ओर झुकल रहेला जेवना से सुरुज से आवे वाला किरन पृथ्वी पर दक्खिन की ओर चढ़ जाले।
'''मकर रेखा''' एगो अइसन कल्पित रेखा ह जेवन पृथ्वी की ओ सारा जगहन से हो के गुजरे ले जवन पृथ्वी क सबसे दक्खिन ओर क आस्थान हवें जहाँ सुरुज क किरन साल में कम से कम एक दिन जरूर सीधा (90 अंश पर) पड़ेले। अइसन वर्तमान समय में 22 दिसंबर के होला जब सूर्य सबसे दक्खिन ले पहुँच के सीधा चमकेला। अइसन पृथ्वी की एकरी काल्पनिक धुरी की झुकाव की वजह से होला आ 22 दिसंबर के पृथ्वी क दक्खिनी हिस्सा ठीक सुरुज की ओर झुकल रहेला जेवना से सुरुज से आवे वाला किरन पृथ्वी पर दक्खिन की ओर चढ़ जाले।



05:13, 14 जुलाई 2014 तक ले भइल बदलाव

विश्व की नक्शा पर मकर रेखा क इस्थिति
दक्खिनी संक्रांति की समय क इस्थिति जब सूर्य क किरण मकर रेखा पर सीधा पड़त बा

मकर रेखा एगो अइसन कल्पित रेखा ह जेवन पृथ्वी की ओ सारा जगहन से हो के गुजरे ले जवन पृथ्वी क सबसे दक्खिन ओर क आस्थान हवें जहाँ सुरुज क किरन साल में कम से कम एक दिन जरूर सीधा (90 अंश पर) पड़ेले। अइसन वर्तमान समय में 22 दिसंबर के होला जब सूर्य सबसे दक्खिन ले पहुँच के सीधा चमकेला। अइसन पृथ्वी की एकरी काल्पनिक धुरी की झुकाव की वजह से होला आ 22 दिसंबर के पृथ्वी क दक्खिनी हिस्सा ठीक सुरुज की ओर झुकल रहेला जेवना से सुरुज से आवे वाला किरन पृथ्वी पर दक्खिन की ओर चढ़ जाले।

वर्तमान समय में मकर रेखा क इस्थिति 23.5 डिग्री दक्खिनी अक्षांश की सहारे बाटे। इतिहास में ए में थोड़ा बहुत परिवर्तन भी भइल बा जेवन चक्रीय होला, मने कबो घट जाला आ फिर ठीक ओतने समय में बढ़ जाला। ई परिवर्तन पृथिवी की झुकाव की मात्रा में बदलाव की वजह से होला।

कर्क रेखा, आ मकर रेखा की बिच्चा में क हिस्सा उष्ण कटिबंध कहल जाला।