वराहमिहिर

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वराहमिहिर पाँचवीं-छठईं सदी में एगो भारतीय गणितज्ञ, खगोलशास्त्री आ ज्योतिषी रहलें। इनके पिता आदित्यदास खुद एगो ज्योतिषी रहलें जिनसे मिहिर के ज्योतिष के सुरुआती शिक्षा मिलल। बाद के शिक्षा कपित्थक में भइल आ उज्जैन में इनके जिनगी बीतल। मानल जाला कि ई विक्रमादित्य के दरबार के नौरतन लोग में सामिल रहलें।

मिहिर के तीन गो परसिद्ध रचना: पंचसिद्धांतिका, बृहत् जातक, आ बृहत् संहिता हईं।

संदर्भ[संपादन करीं]