जयप्रकाश नारायण

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जयप्रकाश नारायण
जेपी के 1946 में लिहल एगो फोटो
जनम(1902-10-11)अक्टूबर 11, 1902
सिताबदियारा, सारन जिला (अब बलिया), ब्रिटिश भारत
निधनअक्टूबर 8, 1979(1979-10-08) (उमिर 76)
पटना, बिहार, भारत
राष्ट्रीयताभारतीय
दूसर नाँवजेपी
लोकनायक
पेशाराजनीतिक नेता, स्वतंत्रता सेनानी, विचारक
राजनीतिक पार्टीभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
जनता दल
आंदोलनभारत छोड़ो आंदोलन, सर्वोदय आंदोलन, जेपी आंदोलन
जीवनसाथीप्रभावती देवी
सम्मान/पुरस्काररेमोन मैग्सेसे अवार्ड (1965)
भारत रत्न (1999) (निधन के बाद)

जयप्रकाश नारायणजे जे.पी. के नाम से ज्यादा विख्यात रहले एगो भारतीय राजनीतिक नेता, स्वतंत्रता सेनानी, विचारक, समाजसेवी आ आंदोलनकारी रहलें। उनका सेवा भावना, त्याग आ तपस्या से प्रभावित होके लोग उनका के लोकनायक भी कहत रहे। लोकनायक के मतलब होला, जन-जन के नेता।

जिनगी[संपादन करीं]

लोकनायक जयप्रकाश नारायण के जनम 11 अक्टूबर 1902 के बलिया जिला के सिताबदियारा गाँव में भइल रहे। उनका के छव साल के उमर में गाँव के प्राथमिक स्कूल में पढ़े खातिर भेजल गइल। जयप्रकाश नारायण स्वभाविक तेज तरार आ बुद्धिमान रहले। नवे साल के उमर में उ सातवाँ कलास में पहुँच गइले आ सन्‌ 1919 में हायर सेकेंडर इम्तिहान प्रथम श्रेणी से उतीर्ण कइले।

19 साल के उमर तक पहुँचते-पहुँचते उनका पर तत्कालीन राष्ट्रीय आन्दोलन के प्रभाव पड़े लागल आ राष्ट्रीयता के संगे-संगे उ समाजवादी विचार-धारा के सम्पर्क में अईले आ जल्दिये भारतीय समाजवादी आन्दोलन के प्रमुख नेता लोग में उनकर गिनती होखे लागल। गांधीजी के आह्‌वान पर जे.पी. अध्ययन छोड़ के राष्ट्रीय आन्दोलन में सक्रीय भाग लिहलें , लेकिन जल्दिये इनका विदेश में शिक्षा प्राप्त करे के धुन सवार हो गइल आ अमेरिका में उच्च शिक्षा खातिर चल गइले। इनकर बियाह 18 साल के उमर में प्रसिद्ध समाज-सेवी श्री ब्रजकिशोर प्रसाद के बेटी सुश्री प्रभावती जी से भइल। प्रभावती जी उनका जीवन के ही ना बल्की उनका समाजिक गतिविधि के भी एगो अंग बन गइली।

देश-सेवा खातिर कौ-कौ बार उनका जेल-यातना भी भोगे के परल। जे.पी. गांधी जी के विचार से बहुत प्रभावित रहलें आ जीवनभर सत्ता से दूर रहके उनका आदर्श पर चलते गइलें। नेहरू जी उनका के बहुत मानत रहलें। उ जयप्रकाश जी के अपना मंत्रिमण्डल में शामिल होखे खातिर नेवता देले रहले। लेकिन सत्ता के राजनीति में रूचि ना होखे के कारण ओकरा के उ ठुकरा दिहले।

बाद में उनका सर्वोदय विचारधारा से संबंध हो गइल। भूदान आन्दोलन में उनकर सक्रिय सहयोग महत्वपूर्ण रहे। सन्‌ 1975 में उ देश के नवयुवकन के नेतृत्व एक बार फेर से सम्हरलें।

5 जून 1975 ई में दिल्ली के विशाल रामलीला मैदान में उ समग्र क्रान्ति के घोषणा कइलें आ ओही रात आपात स्थिति लगाके जयप्रकाश जी के गिरफ्तार कर लेहल गइल। जेल में ही जयप्रकाश जी के गुर्दा खराब हो गइल। उनका के दिल्ली के आर्युविज्ञान संस्थान में, फेर बाद में बम्बई के जसलोक अस्पताल में भरती कइल गइल। डाक्टर लोग के सूझ-बूझ आ मेहनत से उनका प्राण के रक्षा कइल गइल, लेकिन तब से निरन्तर जे.पी. जी रोगशय्या पर पड़ल रहस। आखीर ई स्वतंत्रता सेनानी, विचारक, चिंतक आ क्रांतिकारी व्यक्तित्व 9 अक्टूबर 1979 के चिरनिद्रा में सुत गइलें।

संदर्भ[संपादन करीं]