सतुआन: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर

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अइसे त सुरुज के अयनचलन के कारन वर्तमान समय में सुरुज 21 मार्च के आसपास मेष राशि में प्रवेश करे ला; जहिया दिन-रात बरोबर होखे ला। बाकी भारतीय निरयन पद्धति में ई 14-15 अप्रैल के पड़े ला। एह दिन के भारत में अलग-अलग हिस्सा में अलग अलग नाँव से तिहुआर के रूप में मनावल जाला।
अइसे त सुरुज के अयनचलन के कारन वर्तमान समय में सुरुज 21 मार्च के आसपास मेष राशि में प्रवेश करे ला; जहिया दिन-रात बरोबर होखे ला। बाकी भारतीय निरयन पद्धति में ई 14-15 अप्रैल के पड़े ला। एह दिन के भारत में अलग-अलग हिस्सा में अलग अलग नाँव से तिहुआर के रूप में मनावल जाला।


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== संदर्भ ==
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11:48, 28 मार्च 2022 तक ले भइल बदलाव

सतुआन
प्रकारधार्मिक, सांस्कृतिक, बसंत के तिहवार
मनावे के तरीकासतुआ खाइल
सतुआ आ अउरी बिबिध चीज दान कइल
समयहिंदू कैलेंडर के हिसाब से
केतना बेरसालाना

सतुआन भोजपुरी संस्कृति के काल बोधक पर्व ह। हिन्दू पतरा में सौर मास के हिसाब से सुरूज जहिआ भूमध्य रेखा (बिसुवत रेखा) से उत्तर के ओर जाले तहिये ई पर्व मनावल जाला। एह खगोलीय घटना के मेष संक्रांति कहल जाला; काहें से कि एही दिन सुरुज मेष राशि में प्रवेश करे ला। एहि दिन से खरमास के भी समाप्ति मान लिहल जाला।

उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल, बिहार आ नेपाल में ई परब मनावल जाला; खास क के गाँव देहात के इलाका सभ में। एह दिन सतुआ खाइल जाला आ सतुआ, घइली में भरल पानी आ अउरी बिबिध चीज, गुड़, लोटा छाता इत्यादि दान कइल जाला।[1]

मेष संक्रांति

आकासमंडल में सुरुज के आभासी रस्ता के बारह बरोबर हिस्सा में बाँट के उनहन के राशि के नाँव दिहल गइल हवे। मेष राशि इनहन में पहिला राशि हवे। जेह दिन सुरुज हिंदू कलेंडर के हिसाब से मीन राशि छोड़ के मेष राशि में प्रवेश करे ला ओही दिन के मेष संक्रांति कहल जाला।

अइसे त सुरुज के अयनचलन के कारन वर्तमान समय में सुरुज 21 मार्च के आसपास मेष राशि में प्रवेश करे ला; जहिया दिन-रात बरोबर होखे ला। बाकी भारतीय निरयन पद्धति में ई 14-15 अप्रैल के पड़े ला। एह दिन के भारत में अलग-अलग हिस्सा में अलग अलग नाँव से तिहुआर के रूप में मनावल जाला।

संदर्भ

  1. Mishra, Vidyaniwas (1 जनवरी 2009). Hindi Ki Shabd Sampada (हिंदी में). Rajkamal Prakashan. ISBN 978-81-267-1593-0. Retrieved 28 मार्च 2022.