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गणना के आधार पर विक्रम सम्वत पंचांग [[ग्रेगोरियन कलेंडर]] से 56.7 साल आगे बा। उदहारण के तौर पर विक्रम सम्वत 2076 साल ग्रेगोरियन साल 2016 ई0 में शुरू होत बा आ 2017 ई0 में खतम होत बा।
गणना के आधार पर विक्रम सम्वत पंचांग [[ग्रेगोरियन कलेंडर]] से 56.7 साल आगे बा। उदहारण के तौर पर विक्रम सम्वत 2076 साल ग्रेगोरियन साल 2016 ई0 में शुरू होत बा आ 2017 ई0 में खतम होत बा।


नया साल के शुरुआत [[बैशाख]] महीना के पहिला दिन से शुरू होखेला जवन कि ग्रेगोरियन कलेंडर के अनुसार [[अप्रिल]]-[[मई]] में पड़ेला। नया साल के पहिला दिन बड़ा हि श्रद्धा भाव आ ऐतिहासिक आनंदोत्सव के साथ मनावल जायेला। नया साल के पहिलका दिन [[भक्तपुर]] में [[बिस्केट यात्रा]] के साथ शुरू होला।
नया साल के शुरुआत [[बैशाख]] महीना के पहिला दिन से शुरू होखेला जवन कि ग्रेगोरियन कलेंडर के अनुसार [[अप्रिल]]-[[मई]] में पड़ेला। नया साल के पहिला दिन बड़ा हि श्रद्धा भाव आ इतिहासी आनंदोत्सव के साथ मनावल जायेला। नया साल के पहिलका दिन [[भक्तपुर]] में [[बिस्केट यात्रा]] के साथ शुरू होला।


मानल जायेला कि विक्रम सम्वत पंचांग के शुरुआत भारतीय दिग्गज राजा [[विक्रमादित्य]] के द्वारा भइल रहल। बहुत लोग के द्वारा मानल जायेला कि विक्रमादित्य एगो ऐतिहासिक चरित्र रहलन या एगो विशुद्ध कल्पित पात्र। <ref name="AA_1989">{{cite book |author=Ashvini Agrawal |title=Rise and Fall of the Imperial Guptas |url=https://books.google.com/books?id=hRjC5IaJ2zcC&pg=PA174 |year=1989 |publisher=Motilal Banarsidass Publ. |isbn=978-81-208-0592-7 |pages=174–175 }}</ref><ref>''The Encyclopædia of India and of Eastern and Southern Asia'' by [[Edward Balfour]], B. Quaritch 1885, p.502.</ref> नेपाल के राणा शासक लोग ई पंचांग के आपन अधिकृत पंचांग बनवले लोग। भारत में [[शक सम्वत]] जवन विक्रम सम्वत के पुनः निर्मित रूप ह के अधिकृत पंचांग बनावल गईल, यद्यपि [[भारत के संविधान के प्रस्तावना]] के हिंदी संस्करण में [[संबिधान]] के अधिग्रहण के तिथि 26 नवंबर 1949 विक्रम सम्वत (मार्गशीष शुक्ल सप्तमी सम्वत 2006) में कहल गइल बा कि विक्रम सम्वत के जगह शक सम्वत के भारत के अधिकृत पंचांग मानल जाई।<ref name=tfpj12>{{cite news|title=Vikram Samvat should be declared national calendar|url=http://freepressjournal.in/vikram-samvat-should-be-declared-national-calendar/|accessdate=28 मार्च 2012|newspaper=''[[The Free Press Journal]]''|date=15 फरवरी 2012}}</ref>
मानल जायेला कि विक्रम सम्वत पंचांग के शुरुआत भारतीय दिग्गज राजा [[विक्रमादित्य]] के द्वारा भइल रहल। बहुत लोग के द्वारा मानल जायेला कि विक्रमादित्य एगो इतिहासी चरित्र रहलन या एगो विशुद्ध कल्पित पात्र। <ref name="AA_1989">{{cite book |author=Ashvini Agrawal |title=Rise and Fall of the Imperial Guptas |url=https://books.google.com/books?id=hRjC5IaJ2zcC&pg=PA174 |year=1989 |publisher=Motilal Banarsidass Publ. |isbn=978-81-208-0592-7 |pages=174–175 }}</ref><ref>''The Encyclopædia of India and of Eastern and Southern Asia'' by [[Edward Balfour]], B. Quaritch 1885, p.502.</ref> नेपाल के राणा शासक लोग ई पंचांग के आपन अधिकृत पंचांग बनवले लोग। भारत में [[शक सम्वत]] जवन विक्रम सम्वत के पुनः निर्मित रूप ह के अधिकृत पंचांग बनावल गईल, यद्यपि [[भारत के संविधान के प्रस्तावना]] के हिंदी संस्करण में [[संबिधान]] के अधिग्रहण के तिथि 26 नवंबर 1949 विक्रम सम्वत (मार्गशीष शुक्ल सप्तमी सम्वत 2006) में कहल गइल बा कि विक्रम सम्वत के जगह शक सम्वत के भारत के अधिकृत पंचांग मानल जाई।<ref name=tfpj12>{{cite news|title=Vikram Samvat should be declared national calendar|url=http://freepressjournal.in/vikram-samvat-should-be-declared-national-calendar/|accessdate=28 मार्च 2012|newspaper=''[[The Free Press Journal]]''|date=15 फरवरी 2012}}</ref>
==संदर्भ==
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विक्रम सम्वत (हिंदी: विक्रम सम्वत्) (लघु रूप वि.स. (या विस) या बि.स. (या बिस)); About this sound सुनीं) एगो हिन्दू पंचांग ह जवना के प्रयोग नेपाल आ कुछ भारतीय राज्य में होखेला। नेपाल में ई पंचांग राष्ट्रीय पंचांग के रूप में प्रयोग होखेला, अन्य हिन्दू पंचांग लेखा ई पंचांग भी चाँद पर आधारित बा। ई पंचांग में चाँद के आधार पर महिना के गणना आ सूरज के आधार पर साल के गणना होखेला।

गणना के आधार पर विक्रम सम्वत पंचांग ग्रेगोरियन कलेंडर से 56.7 साल आगे बा। उदहारण के तौर पर विक्रम सम्वत 2076 साल ग्रेगोरियन साल 2016 ई0 में शुरू होत बा आ 2017 ई0 में खतम होत बा।

नया साल के शुरुआत बैशाख महीना के पहिला दिन से शुरू होखेला जवन कि ग्रेगोरियन कलेंडर के अनुसार अप्रिल-मई में पड़ेला। नया साल के पहिला दिन बड़ा हि श्रद्धा भाव आ इतिहासी आनंदोत्सव के साथ मनावल जायेला। नया साल के पहिलका दिन भक्तपुर में बिस्केट यात्रा के साथ शुरू होला।

मानल जायेला कि विक्रम सम्वत पंचांग के शुरुआत भारतीय दिग्गज राजा विक्रमादित्य के द्वारा भइल रहल। बहुत लोग के द्वारा मानल जायेला कि विक्रमादित्य एगो इतिहासी चरित्र रहलन या एगो विशुद्ध कल्पित पात्र। [1][2] नेपाल के राणा शासक लोग ई पंचांग के आपन अधिकृत पंचांग बनवले लोग। भारत में शक सम्वत जवन विक्रम सम्वत के पुनः निर्मित रूप ह के अधिकृत पंचांग बनावल गईल, यद्यपि भारत के संविधान के प्रस्तावना के हिंदी संस्करण में संबिधान के अधिग्रहण के तिथि 26 नवंबर 1949 विक्रम सम्वत (मार्गशीष शुक्ल सप्तमी सम्वत 2006) में कहल गइल बा कि विक्रम सम्वत के जगह शक सम्वत के भारत के अधिकृत पंचांग मानल जाई।[3]

संदर्भ

  1. Ashvini Agrawal (1989). Rise and Fall of the Imperial Guptas. Motilal Banarsidass Publ. pp. 174–175. ISBN 978-81-208-0592-7.
  2. The Encyclopædia of India and of Eastern and Southern Asia by Edward Balfour, B. Quaritch 1885, p.502.
  3. "Vikram Samvat should be declared national calendar". The Free Press Journal. 15 फरवरी 2012. Retrieved 28 मार्च 2012. {{cite news}}: Italic or bold markup not allowed in: |newspaper= (help)