गरमी (सीजन): रिवीजन सभ के बीचा में अंतर

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[[File:Field Hamois Belgium Luc Viatour.jpg|thumb|230px|alt=खेत आ फूल|बेल्जियम में गर्मी के सीजन में फुलाइल फूल]]
'''गर्मी''' साल में एक बेर आवे वाला सीजन हवे जेवना में तापमान बढ़ जाला आ मौसम गरम हो जाला। पृथ्वी पर उत्तरी गोलार्ध में ई ऋतु अप्रैल से जून ले रहेले जबकि दक्खिनी गोलार्ध में सिराम्बर से फरवरी ले।
'''गर्मी''' साल में एक बेर आवे वाला [[सीजन]] हवे जेवना में तापमान बढ़ जाला आ [[मौसम]] गरम हो जाला। पृथ्वी पर उत्तरी गोलार्ध में ई ऋतु अप्रैल से जून ले रहेले जबकि दक्खिनी गोलार्ध में सितंबर से फरवरी ले।

ई सीजन सभसे गरम होला। शीतोष्णकटिबंधी इलाका आ ठंढा प्रदेस सभ में तापमान बढ़े से राहत मिलेला, बहुत सारा इलाका में बरफ पघिल जाला आ हरियाली हो जाला। ठंढा प्रदेश के निवासी लोग गर्मी के उत्सुकता से इंतजार करे ला।

एकरे बिपरीत उष्णकटिबंधीय इलाका में गर्मी के सीजन के दौरान मौसम असह रूप से गरम हो जाला। गरम हवा चले ले आ तापमान बहुत ऊपर पहुँच जाला। गर्मी से परेशान हो के लोग जल्दी [[बरखा]] के सीजन आवे के इंतजार करे ला। भारत में उत्तरी मैदानी इलाका में गर्मी के प्रकोप सभसे ढेर होला आ एह सीजन में थार के रेगिस्तान के ओर से दुपहरिया के बाद से सांझ ले चले वाली हवा के "लूहि" कहल जाला जे जानलेवा भी साबित हो सके ले। रात के समय पुरुआ हवा बहे पर कुछ ठंडक आ आराम मिले ला। परंपरागत रूप से जेठ आ बइसाख के दू महीना के ग्रीष्म ऋतु कहल गइल बा। गर्मी के बाद, [[मानसून]] के आगमन होला आ बरखा के ऋतु (सीजन) आ जाला।



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08:09, 23 जून 2017 तक ले भइल बदलाव

खेत आ फूल
बेल्जियम में गर्मी के सीजन में फुलाइल फूल

गर्मी साल में एक बेर आवे वाला सीजन हवे जेवना में तापमान बढ़ जाला आ मौसम गरम हो जाला। पृथ्वी पर उत्तरी गोलार्ध में ई ऋतु अप्रैल से जून ले रहेले जबकि दक्खिनी गोलार्ध में सितंबर से फरवरी ले।

ई सीजन सभसे गरम होला। शीतोष्णकटिबंधी इलाका आ ठंढा प्रदेस सभ में तापमान बढ़े से राहत मिलेला, बहुत सारा इलाका में बरफ पघिल जाला आ हरियाली हो जाला। ठंढा प्रदेश के निवासी लोग गर्मी के उत्सुकता से इंतजार करे ला।

एकरे बिपरीत उष्णकटिबंधीय इलाका में गर्मी के सीजन के दौरान मौसम असह रूप से गरम हो जाला। गरम हवा चले ले आ तापमान बहुत ऊपर पहुँच जाला। गर्मी से परेशान हो के लोग जल्दी बरखा के सीजन आवे के इंतजार करे ला। भारत में उत्तरी मैदानी इलाका में गर्मी के प्रकोप सभसे ढेर होला आ एह सीजन में थार के रेगिस्तान के ओर से दुपहरिया के बाद से सांझ ले चले वाली हवा के "लूहि" कहल जाला जे जानलेवा भी साबित हो सके ले। रात के समय पुरुआ हवा बहे पर कुछ ठंडक आ आराम मिले ला। परंपरागत रूप से जेठ आ बइसाख के दू महीना के ग्रीष्म ऋतु कहल गइल बा। गर्मी के बाद, मानसून के आगमन होला आ बरखा के ऋतु (सीजन) आ जाला।