जानकी अम्माल: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर

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शुरुआती जीवन
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'''एडावलेठ कक्कट जानकी अम्माल''' ({{lang-en|Edavaleth Kakkat Janaki Ammal}}) (१८९७-१९८४) [[भारत]] क एगो महिला [[वैज्ञानिक]] रहलीं। अम्माल एक जानल-मानल [[वनस्पति विज्ञान|वनस्पति]] आऊर [[कोशिका विज्ञान|कोशिका वैज्ञानिक]] रहलीं जिनकर [[आनुवांशिकी]], [[उद्विकास]], [[वानस्पतिक भूगोल]] और [[नृजातीय वानस्पतिकी]] के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हउवे। [[पद्म श्री]] से सम्मानित जानकी अम्माल [[भारतीय विज्ञान अकादमी]] की संस्थापक फेलो रहलीं।<ref name=ias>{{cite web|last=C.V|first=Subramanyan|title=Janaki Ammal|url=http://www.ias.ac.in/womeninscience/Janaki.pdf|publisher=Indian Association of Scientists|accessdate=29 अक्तूबर २0१३}}</ref>
'''एडावलेठ कक्कट जानकी अम्माल''' ({{lang-en|Edavaleth Kakkat Janaki Ammal}}) (१८९७-१९८४) [[भारत]] क एगो महिला [[वैज्ञानिक]] रहलीं। अम्माल एक जानल-मानल [[वनस्पति विज्ञान|वनस्पति]] आऊर [[कोशिका विज्ञान|कोशिका वैज्ञानिक]] रहलीं जिनकर [[आनुवांशिकी]], [[उद्विकास]], [[वानस्पतिक भूगोल]] और [[नृजातीय वानस्पतिकी]] के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हउवे। [[पद्म श्री]] से सम्मानित जानकी अम्माल [[भारतीय विज्ञान अकादमी]] की संस्थापक फेलो रहलीं।<ref name=ias>{{cite web|last=C.V|first=Subramanyan|title=Janaki Ammal|url=http://www.ias.ac.in/womeninscience/Janaki.pdf|publisher=Indian Association of Scientists|accessdate=29 अक्तूबर २0१३}}</ref>
==शुरुआती जीवन==
==शुरुआती जीवन==
जानकी अम्माल क जनम [[केरल]] के [[तेल्लीचेरी]] में वर्ष १८९७ में भईल रहे। एगो सुसंस्कृत मध्यवर्गीय परिवार में जन्मल अम्माल क पिता जी ओह बखत के मद्रास सूबा में उप-न्यायाधीश रहलें। अम्माल क छः भाई और पाँच बहिन रहलीं। तेल्लीचेरी में शुरुआती पढ़ाई लिखाई के बाद आगे के पढ़ाई बदे अम्माल मद्रास चल गइलीं जहवाँ ऊ [[क्वींस मेरी'ज़ कॉलेज, मद्रास|क्वींस मेरी'ज़ कॉलेज]] से बीए कइलीं आऊर १९२१ में [[प्रेसीडेंसी कालिज, चेन्नई|प्रेसीडेन्सी कॉलेज]] से ऑनर्स क उपाधि लेहलीं।<ref>{{cite web|last=Subramanian|first=C V|title=Edavaleth Kakkat Janaki Ammal&nbsp;— IAS Women in Science|url=http://www.ias.ac.in/womeninscience/Janaki.pdf|publisher=Indian Academy of Sciences|accessdate=१४ सितम्बर २0१३}}</ref>
जानकी अम्माल क जनम [[केरल]] के [[तेल्लीचेरी]] में वर्ष १८९७ में भईल रहे। एगो सुसंस्कृत मध्यवर्गीय परिवार में जन्मल अम्माल क पिता जी ओह बखत के मद्रास सूबा में उप-न्यायाधीश रहलें। अम्माल क छः भाई और पाँच बहिन रहलीं। तेल्लीचेरी में शुरुआती पढ़ाई लिखाई के बाद आगे के पढ़ाई बदे अम्माल मद्रास चल गइलीं जहवाँ ऊ [[क्वींस मेरी'ज़ कॉलेज, मद्रास|क्वींस मेरी'ज़ कॉलेज]] से स्नातक कइलीं आऊर १९२१ में [[प्रेसीडेंसी कालिज, चेन्नई|प्रेसीडेन्सी कॉलेज]] से ऑनर्स क उपाधि लेहलीं।<ref>{{cite web|last=Subramanian|first=C V|title=Edavaleth Kakkat Janaki Ammal&nbsp;— IAS Women in Science|url=http://www.ias.ac.in/womeninscience/Janaki.pdf|publisher=Indian Academy of Sciences|accessdate=२९ अक्तूबर २0१३}}</ref>
==अकादमिक जीवन==
अम्माल [[वीमेन्स क्रिश्चियन कॉलेज, मद्रास]] में पढ़उलीं। ऊ [[मिशिगन विश्वविद्यालय]], [[संयुक्त राज्य अमेरिका|अमेरिका]] में एगो बार्बर स्कॉलर के तौर पर कुछ बखत बदे रहलीं जहवाँ से १९२५ में आपन स्नातकोत्तर क उपाधि पउलीं। भारत वापसी के बादो अम्माल वी॰क्रि॰कॉ॰ में पढ़ावल जारी रखलीं। ऊ, पहिले ओरिएंटल बार्बर फेलो के तौर पर, फिर से मिशिगन चल गइलीं जहवाँ १९३१ में उनके डी॰एससी॰ क उपाधि मिलल। अम्माल वनस्पति विज्ञान क प्रोफेसर बन के लौटलीं आऊर महाराजा कॉलेज ऑफ साईंस, [[त्रिवेन्द्रम]] में १९३० से १९३४ तक पढ़वलीं।

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==संदर्भ==
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एडावलेठ कक्कट जानकी अम्माल (अंग्रेजी: Edavaleth Kakkat Janaki Ammal) (१८९७-१९८४) भारत क एगो महिला वैज्ञानिक रहलीं। अम्माल एक जानल-मानल वनस्पति आऊर कोशिका वैज्ञानिक रहलीं जिनकर आनुवांशिकी, उद्विकास, वानस्पतिक भूगोल और नृजातीय वानस्पतिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हउवे। पद्म श्री से सम्मानित जानकी अम्माल भारतीय विज्ञान अकादमी की संस्थापक फेलो रहलीं।[1]

शुरुआती जीवन

जानकी अम्माल क जनम केरल के तेल्लीचेरी में वर्ष १८९७ में भईल रहे। एगो सुसंस्कृत मध्यवर्गीय परिवार में जन्मल अम्माल क पिता जी ओह बखत के मद्रास सूबा में उप-न्यायाधीश रहलें। अम्माल क छः भाई और पाँच बहिन रहलीं। तेल्लीचेरी में शुरुआती पढ़ाई लिखाई के बाद आगे के पढ़ाई बदे अम्माल मद्रास चल गइलीं जहवाँ ऊ क्वींस मेरी'ज़ कॉलेज से स्नातक कइलीं आऊर १९२१ में प्रेसीडेन्सी कॉलेज से ऑनर्स क उपाधि लेहलीं।[2]

अकादमिक जीवन

अम्माल वीमेन्स क्रिश्चियन कॉलेज, मद्रास में पढ़उलीं। ऊ मिशिगन विश्वविद्यालय, अमेरिका में एगो बार्बर स्कॉलर के तौर पर कुछ बखत बदे रहलीं जहवाँ से १९२५ में आपन स्नातकोत्तर क उपाधि पउलीं। भारत वापसी के बादो अम्माल वी॰क्रि॰कॉ॰ में पढ़ावल जारी रखलीं। ऊ, पहिले ओरिएंटल बार्बर फेलो के तौर पर, फिर से मिशिगन चल गइलीं जहवाँ १९३१ में उनके डी॰एससी॰ क उपाधि मिलल। अम्माल वनस्पति विज्ञान क प्रोफेसर बन के लौटलीं आऊर महाराजा कॉलेज ऑफ साईंस, त्रिवेन्द्रम में १९३० से १९३४ तक पढ़वलीं।

संदर्भ

  1. C.V, Subramanyan. "Janaki Ammal" (PDF). Indian Association of Scientists. Retrieved 29 अक्तूबर २0१३. {{cite web}}: Check date values in: |accessdate= (help)
  2. Subramanian, C V. "Edavaleth Kakkat Janaki Ammal — IAS Women in Science" (PDF). Indian Academy of Sciences. Retrieved २९ अक्तूबर २0१३. {{cite web}}: Check date values in: |accessdate= (help)