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ओम के नियम

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V, I, आ R, ओम के नियम में प्रयुक्त मुख्य पैरामीटर हवन

ओम के नियम (अंग्रेजी: Ohm's Law) बिजली आ इलेक्ट्रॉनिक्स में एगो बुनियादी नियम हवे। ई नियम बतावेला कि कवनो परिपथ (circuit) में धारा (current), वोल्टेज (voltage), आ प्रतिरोध (resistance) के बीच सीधा संबंध बा।

ई नियम जर्मन भौतिक विज्ञानी जॉर्ज साइमन ओम (Georg Simon Ohm) द्वारा सन 1827 में प्रस्तुत कइल गइल रहे।

परिभाषा

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ओम के नियम के अनुसार, कवनो चालक (conductor) में बहे वाला विद्युत धारा () लागू कइल गइल विभवांतर () के समानुपाती होला, आ एकर अनुपात प्रतिरोध () से तय होला[1]

सूत्र:जहाँ:

  • = विभवांतर (Voltage) [वोल्ट में]
  • = धारा (Current) [एम्पियर में]
  • = प्रतिरोध (Resistance) [ओम में]
जॉर्ज ओहम

जॉर्ज साइमन ओम (1789–1854) एगो जर्मन भौतिक विज्ञानी रहलें। ऊ विद्युत चालक में बहे वाला करंट, लागू वोल्टेज, आ चालक के गुण (प्रतिरोध) के बीच संबंध पर प्रयोग कइले।

1827 में ऊ आपन किताब Die galvanische Kette, mathematisch bearbeitet प्रकाशित कइलें, जवना में पहिल बेर ई नियम के गणितीय रूप में पेश कइल गइल[2]

प्रयोग आ उपयोगिता

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  • बिजली आ इलेक्ट्रॉनिक्स में: परिपथ डिजाइन करे, विद्युत यंत्र बनावे, आ वायरिंग करे खातिर।
  • इंजीनियरिंग में: विद्युत मोटर, ट्रांसफॉर्मर, बैटरी, आ जनरेटर के डिजाइन करे में।
  • शिक्षा में: भौतिकी आ इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के बुनियादी अवधारणा के रूप में।
  • सुरक्षा में: तार के मोटाई, फ्यूज, आ सर्किट ब्रेकर के क्षमता तय करे में।

ओम के नियम केवल ओह स्थिति में सही लागेला जहँवा तापमान आ अन्य भौतिक अवस्था स्थिर होखे। कुछ पदार्थ (जइसे डायोड, ट्रांजिस्टर, या सुपरकंडक्टर) ओम के नियम के ना माने। एहन सामग्री के गैर-ओमिक पदार्थ (non-ohmic material) कहल जाला।

अगर कवनो बल्ब के प्रतिरोध 10 ओम बा, आ ओकरा पर 20 वोल्ट वोल्टेज लगावल गइल, त धारा होई:

मतलब, सर्किट में 2 एम्पियर धारा बहत बा[3]

  1. भौतिकी (कक्षा 12), अध्याय 11: विद्युत (PDF). NCERT.
  2. Ohm, Georg Simon (1827). Die galvanische Kette, mathematisch bearbeitet.
  3. "Ohm's Law Calculator". Omni Calculator (अंग्रेजी में). Retrieved 2025-09-30.