अंबेडकर जयंती
| अंबेडकर जयंती | |
|---|---|
चैत्यभूमि पर अंबेडकर जयंती के जलूस | |
| ऑफिशियल नाँव | आंबेडकर जयंती[1] |
| अन्य नाँव | भीम जयंती |
| मनावे वाला | भारत |
| प्रकार | डॉ. भीमराव अंबेडकर के जनमदिन |
| मनावे के तरीका | जलूस, भाषण, बिबिध प्रतियोगिता |
| समय | 14 अप्रैल |
| केतना बेर | सालान |
अंबेडकर जयंती हर साल 14 अप्रैल के, डॉ. भीमराव अंबेडकर के याद में मनावल जाला, जे एक ठो बड़ नेता आ समाज सुधारक रहलन। ई दिन अंबेडकर के जनम के दिन ह, जे 14 अप्रैल 1891 के जनमल रहलन। कुछ लोग एह दिन के "समानता दिवस" के नाँव से मनावे ला।
2016 में, जब अंबेडकर जी के 125वाँ जनमदिन रहल, त लोग दिल्ली के संसद भवन में जुट के उहाँ के श्रद्धांजलि दिहल। एह दिन मुंबई के चैत्यभूमि आ नागपुर के दीक्षाभूमि में लोग उनुकर सम्मान करे ला। अंबेडकर जी के मूर्ति पर माला चढ़ावे आ श्रद्धा देखावे खातिर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री आ कई गो बड़ नेता लोग दिल्ली में संसद वाला मूर्ति प जाइल करेला।
अंबेडकर जयंती भारते ना, बलुक विदेशो में मनावल जाला। खासकर दलित, आदिवासी, मजदूर, मेहरारू लोग आ जे लोग अंबेडकर जी के देख के बौद्ध बनल बा, उ लोग बहुत मान से ई दिन मनावेला। भारत में जगह-जगह लोग अंबेडकर के मूर्ति लगे जुलूस लेके जाला, गाना-बजाना आ जोश के साथ एह दिवस के मनावे ला। 2020 में त पहिल बेर ई जयंती ऑनलाइन भी मनावल गइल रहे।
- ↑ "सार्वजनिक सुट्ट्या-महाराष्ट्र शासनाचे अधिकृत संकेतस्थळ, भारत". Retrieved 3 March 2019.