लोलिता

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लोलिता उपन्यास क कवर पेज

लोलिता व्लादीमिर नाबोकव क अंग्रेजी में लिखल एगो विश्वपरसिद्ध उपन्यास हवे।

संछेप में कहानी[संपादन करीं]

उपन्यास क शुरुआत एगो काल्पनिक "प्रस्तावना" से होला जेवना में ई स्थापित कइल जाला कि हम्बर हम्बर्ट, जे ए उपन्यास क मुख्य चरित्र हवे, ई उपन्यास क रचना पूरा क के मर गइलें। उपन्यास क हिरोइन श्रीमती रिचार्ड शिलर (लोलिता) बच्चा पैदा होखे में 17 साल की उमिर में मर गइली।

हम्बर हम्बर्ट एगो साहित्यिक आदमी रहेलें। उनके बचपन में अनाबेल नाँव की लइकी से प्रेम आ कुछ शारीरिक निकटता क अनुभव मिलेला अनाबेल क मौत हो जाले आ ए अधूरा प्रेम जेवना की वजह से ऊ हमेशा खातिर कमउमिर की लड़िकिन की खातिर एगो मनोवैज्ञानिक आकर्षण क शिकार हो जालें हमेशा खातिर अनाबेल क यादगार बा जाला। अइसन कम उमिर की लड़िकिन के उपन्यास में ऊ एगो अलगे नाँव निम्फेट देलें। ई भावना उनकी साथ हमेशा रहेले जबले उनके लोलिता ना मिल जाले ।

आपन लेखन कार्य करे खातिर मिस्टर हम्बर्ट एगो छोट शहर में जा के रहे शुरू करे ले जहाँ मिसेज चोर्लेट आ उनकर 12 बरिस क लइकी डोलोरेस (उपनाम "लो" "लोला" "डॉली") से उनकर मुलाकात होला। ऊ डोलोरेस क नाँव लोलिता रख देलें।

संदर्भ[संपादन करीं]