रमजान

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रमजान
رمضان
पहिला चाँद, बहरीन में, जेकरे साथ ई महीना सुरू होला
मनावे वालामुसलमान लोग द्वारा
प्रकारधार्मिक
मनावे के तरीकासामुदायिक इफ़्तार आ प्रार्थना
Observances
  • सौम (बरत-उपास)
  • जकात आ सादगाह (दान कइल)
  • तरावीह (प्रार्थना, सुन्नी इस्लाम)
  • अल-कदर के रात के इयाद (शीया आ सुन्नी मुसलमान)
  • कुरान तिलावत (कुरआन के अध्ययन)
  • हर किसिम के बुराई आ खराब काम से परहेज
सुरू1 रमजान
अंत29, भा 30 रमजान
समयबदलाव वाला (चंद्र कैलेंडर)
केतना बेरसालाना (चनरमा आधारित कैलेंडर)
संबंधित बाईद-उल-फित्र

रमजान, रमज़ान भा अरबी उच्चारण रमादान, इस्लामी कलेंडर के नउवाँ महिन्ना हवे आ पूरा दुनिया के मुसलमान लोग एह महीना के उपास (ब्रत) के द्वारा मनावे ला जे इस्लामिक मान्यता अनुसार कुरआन के पहिला पहिल प्रगटहोखे के उपलक्ष में मनावल जाला। ई सालाना तिहुआर हवे आ एह तिहुआर के मनावल, यानी कि उपास भा बरत राखल, सौम भा सोम के नाँव से जानल जाला आ ई इस्लाम के पाँच गो आधार में से एक मानल जाला।

ई महीना 29-30 दिन के होला आ चाँद के ऊपर आधारित होला। इस्लामी कैलेंडर के चाँद आधारित होखे के कारन ई महीना सीजन के हिसाब से देखल जाय तब घस्कत रहे ला। एकरे नाँव के पैदाइश अरबी शब्द रमा'दा से बतावल जाला जेकर मतलब होला "खूब गरम सीजन"।

संदर्भ[संपादन करीं]